पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के चुनावी दंगल में महागठबंधन की एक और गांठ ढीली होती नजर आ रही है. लगातार वाम दलों के साथ आरजेडी की चली आ रही मैराथन बैठक का निष्कर्ष निकलता ना देख सीपीआई-एमएल ने महागठबंधन से परे अपने तीस सीटों की घोषणा कर दी है.
सीटों की घोषणा पर सीपीआई-एमएल का बयान
सीपीआई-एमएल के राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि विधानसभा चुनाव में सीटों के तालमेल को लेकर सीपीआई-एमएल और राष्ट्रीय जनता दल के बीच राज्य स्तर पर कई राउंड की बातचीत चली. हमने अपनी सीटों की संख्या घटाकर 30 कर ली थी. संपूर्ण तालमेल की स्थिति में इन प्रमुख 30 सीटों में से भी 10 सीटें और भी कम करते हुए हमने 20 प्रमुख सीटों पर हमारी दावेदारी स्वीकार कर लेने का प्रस्ताव रखा था.
लेकिन आरजेडी की ओर से हमारे लिए जो सीटें प्रस्तावित की गईं हैं, उनमें हमारे सघन कामकाज, आंदोलन और पहचान जिलों की एक भी सीट शामिल नहीं है. ऐसे में जब पहले चरण के नामांकन का दौर शुरू ही होनेवाला है, हम अपने सीटों की पहली सूची जारी कर रहे हैं. वहीं पार्टी के कार्यालय सचिव कुमार परवेज का कहना है कि अब भी अगर संपूर्ण तालमेल की कोई संभावना बनती है तो हम उस पर विचार करेंगे.
आरजेडी ने कही यह बात
हालांकि, इस मुद्दे पर आरजेडी कुछ भी कहने से कतरा रही है. राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी का कहना है कि सीपीआई-एमएल ने अभी ये स्पष्ट नहीं किया है कि वो गठबंधन के बाहर जाएंगें और उम्मीदवारों के नामों को तो कभी भी वापस लिया जा सकता है. ऐसे में अब ये साफ है कि विधानसभा चुनाव के लिए सीट शेयरिंग के उठा पटक का ये आखरी दौर है. अब दांव किसका किस पर भारी पड़ता है,बस एक से दो दिन में हो साफ जाएगा.