Bihar News: 'बिहार में गरीब उजाड़ो अभियान', दीपांकर भट्टाचार्य ने भूमि सर्वे को बताया कॉरपोरेट का फायदा
Dipankar Bhattacharya: दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि बीजेपी आरएसएस देश में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने की साजिश चला रही है. ये लोग देश की जनता के अंदर संकीर्ण राजनीतिक माहौल पैदा करना चाहते हैं.
Dipankar Bhattacharya On Bihar government: जहानाबाद में भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने भूमि सर्वे को लेकर (22 सितंबर) को नीतीश सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि बिहार में यह भूमि सर्वे अभियान नहीं, गरीब उजाड़ो अभियान चल रहा है. गरीब के घरों पर बुलडोजर चलाए जा रहा हैं. गरीब और किसान पूरी तरह तबाह हैं. किसानों को अंदर जमीन को लेकर असुरक्षा का माहौल है.
कॉरपोरेट के सुपूर्द होगी जमीन- दीपांकर
दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि असल में यह सर्वे देश में जमीन कॉरपोरेट को सुपूर्द करने का है. वफ बोर्ड की जमीन को छीन लेने का है. इसका भी हर्ष असम के उस एनआरसी (नागरिकता संशोधन बिल) की तरह ही होगा. दरअसल भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य जहानाबाद में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि एक देश एक चुनाव बीजेपी का प्रचार असल में यह 1956 में जो गोलवलकर ने कहा था, देश में संघीय ढांचा की कोई जरूरत नहीं है. एक देश एक निशान एक प्रधान एक चुनाव हो, उसी को साकार किया जा रहा है.
बीजेपी आरएसएस देश में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने की साजिश चला रही है. देश की जनता के अंदर गुमराह उन्माद का माहौल संकीर्ण राजनीतिक माहौल पैदा करना चाहती है. दीपांकर ने कहा कि जो एक देश एक चुनाव की बात करता है वही यह भी बात बोलता है कि अगर अविश्वास प्रस्ताव में सरकार गिर जाती है और दो वर्ष की अवधि बच जाती है तो मात्र दो वर्ष के लिए चुनाव होगा. अभी ही कश्मीर में चुनाव हो रहा है. हरियाणा महाराष्ट्र झारखंड में चुनाव होने वाला है.
विधि व्यवस्था को लेकर भी साधा निशाना
दीपांकर ने बिहार की विधि व्यवस्था को लेकर भी बिहार सरकार पर हमला बोला और कहा कि पटना जिला में कुछ महीने के अंदर 40 लोगों की जानें गईं या असहज उत्पीड़न को झेला है. अरवल में सुनील चंद्रवंशी की हत्या महिलाओं बच्चियों का यौन उत्पीड़न व हत्या का मामला हुआ. नवादा में भूमि सर्वे की आड़ में 80 घरों को आग के हवाले करने का मामला है. विकास के नाम पर आपने गिरते पुल को देखा है. एक तरफ सुनील चंद्रवंशी की हत्या और दूसरी तरफ पटना में विजय सिन्हा, गिरिराज सिंह और मंगल पांडे का चंद्रवंशी ललकार रैली की घोषणा करना. यह चंद्रवंशी समाज के साथ मजाक नहीं तो और क्या है.
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