पटना: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी (Sitaram Yechury) ने सोमवार (9 अक्टूबर) को बीजेपी पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा कराए गए जाति आधारित सर्वेक्षण को "पचा नहीं पा रही है, जिसके निष्कर्ष पिछले सप्ताह जारी किए गए थे. उन्होंने कहा कि I.N.D.I.A गठबंधन मजबूत है. देखने वाले देखते रहेंगे. हमें देश के लोगों की चिंता है. देश के लोगों का सपोर्ट I.N.D.I.A गठबंधन को मिल रहा है.
जातीय गणना की रिपोर्ट पर बीजेपी आरोप निराधार
सीताराम येचुरी ने बीजेपी के इस आरोप को खारिज कर दिया कि सर्वे में निष्कर्ष में विसंगतियां हैं. उन्होंने सवाल किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार अपने नौ वर्ष के कार्यकाल में राष्ट्रव्यापी जाति आधारित जनगणना क्यों नहीं करा पाई. माकपा नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार को बाहर से समर्थन दे रही है.
येचुरी ने यहां मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि, "हमने जाति आधारित सर्वेक्षण का हमेशा समर्थन किया है. हमारा मानना है कि राज्य सरकार ने यह काम पूरी जिम्मेदारी के साथ किया है." येचुरी दरभंगा और समस्तीपुर जिलों में पार्टी के कार्यक्रमों को संबोधित करने के लिए बिहार आए हैं.
'वास्तविकता को पचा नहीं पा रही बीजेपी'
येचुरी से बीजेपी के इस आरोप को लेकर सवाल किया गया था कि सर्वेक्षण में कई पिछड़े वर्गों के साथ अन्याय किया गया है. बीजेपी का आरोप है कि आंकड़ों को इस तरह से प्रस्तुत किया गया है कि वे बिहार के सत्तारूढ़ 'महागठबंधन', विशेष रूप से इसके सबसे बड़े घटक राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के अनुकूल हैं. माकपा नेता येचुरी ने इस सवाल के जवाब में कहा, "बीजेपी वास्तविकता को पचा नहीं पा रही. उसे पिछड़े वर्गों की इतनी ही चिंता थी, तो उसने जाति आधारित सर्वेक्षण क्यों नहीं कराया? वह नौ साल से सत्ता में है."
'बीजेपी कर रही है एजेंसियों का दुरुपयोग'
उन्होंने एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी के नेता एवं सांसद संजय सिंह जैसे नेताओं की गिरफ्तारी "प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी एजेंसी का खुला दुरुपयोग है." येचुरी ने बीजेपी पर आरोप लगाया है कि ईडी के मामलों में "सजा दिए जाने की दर 0.1 प्रतिशत से भी कम है, जो बहुत कम है. पांच हजार से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं. इनमें से केवल 23 में ही दोषसिद्धि हुई है."
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