पटना: महागठबंधन में शामिल सीपीआईएमएल (CPIML) के सभी 12 विधायकों ने सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की टेंशन बढ़ा दी है. अरवल के भदासी कांड के टाडा बंदियों की रिहाई की मांग को लेकर शुक्रवार (28 अप्रैल) को बैनर पोस्टर लेकर वे सड़क पर उतर गए. प्रदर्शन किया. जिन लोगों को इस मामले में सजा हुई थी उनके घर की महिलाएं भी प्रदर्शन में शामिल हैं. इनकी रिहाई की मांग की जा रही है.


नीतीश कुमार पर भेदभाव का आरोप


इस मामले में 14 लोगों को सजा हुई थी जिसमें छह की मौत सजा काटने के दौरान जेल में हो गई थी. अभी कुल आठ कैदी जेल में 22 सालों से बंद हैं. 1998 का मामला है. सीपीआईएमएल विधायक सुदामा प्रसाद और विधायक रामबलि सिंह यादव का एक ही जैसा कहना था. कहा कि जेल कानून में बदलाव कर आनंद मोहन को रिहा किया गया. साथ में अन्य 26 कैदियों को भी छोड़ा गया, लेकिन भदासी कांड के टाडा बंदियों को रिहा नहीं किया गया. 22 सालों से जेल में बंद हैं. नीतीश कुमार भेदभाव कर रहे हैं. 


प्रदर्शन के दौरान यह भी कहा गया कि जो आठ लोग जेल में बंद हैं वह दलित, अति पिछड़ा हैं. आनंद मोहन को राजपूत वोट के लिए रिहा किया गया है. आनंद एक वोट भी नहीं दिला पाएगा. टाडा बंदियों को रिहा किया जाए.


वहीं दूसरी ओर भदासी कांड में जिन छह कैदियों की सजा काटने के दौरान जेल में मौत हुई उसमें से एक हैं शाह चांद. उनकी पत्नी ने कहा कि आनंद मोहन की तरह अगर उनके पति को भी पहले रिहा किया जाता तो वो बच जाते. पत्नी ने मांग करते हुए कहा कि जो आठ लोग जेल में बंद हैं उनको तुरंत रिहा किया जाए. नीतीश सरकार दोहरी नीति न अपनाएं. जो आठ कैदी जेल में हैं उनके परिजनों ने भी आनंद मोहन की तरह रिहाई की मांग की है. 


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