Criminal Laws Implementation: एक जुलाई 2024 से नए कानून की धाराओं के अनुसार केस दर्ज होगा. पुलिस पदाधिकारी और पुलिस के अनुसंधानकर्ता को बिहार पुलिस अकादमी राजगीर में प्रशिक्षण दिया गया. दरअसल तीन नए आपराधिक कानून हैं जो एक जुलाई से लागू हो रहे हैं. नालंदा के एसपी अशोक मिश्रा ने बताया कि नए कानून को लागू करने की पूरी तैयारी कर ली गई है. सभी पुलिस पदाधिकारी और अनुसंधानकर्ता को प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है.


नालंदा के एसपी अशोक मिश्रा ने बताया कि नए कानून में कुछ बदलाव किए गए हैं. इससे अब पीड़ित को त्वरित न्याय मिल सकेगा. नए कानून में फॉरेंसिक जांच और इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल साक्ष्यों को मान्यता दी गई है. 30 जून की रात को 12 बजे के बाद कोई भी मुकदमा नए कानूनों के अनुसार दर्ज किया जाएगा. नए कानून से पहले से दर्ज सभी केसों की जांच और कोर्ट में सुनवाई पुराने कानूनों के अनुसार होगी.


सामूहिक दुष्कर्म के दोषी को 20 साल की सजा या जिंदा रहने तक जेल


आईपीसी की जगह भारतीय न्याय संहिता, सीआरपीसी की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू हो जाएगा. नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को फांसी या उम्रकैद सामूहिक दुष्कर्म के दोषी को 20 साल की सजा या जिंदा रहने तक जेल की सजा होगी. मॉब लिंचिंग में फांसी की सजा है.


ऐसा काम करेंगे तो कम हो सकती है सजा


सड़क दुर्घटना करने वाला चालक अगर पीड़ित को अस्पताल या पुलिस स्टेशन ले जाता है तो उसकी सजा कम होगी. सिर पर लाठी मारने वाले पर अभी सामान्य झगड़े की धारा लगती है, लेकिन अब जख्मी के ब्रेन डेड पर दोषी को 10 साल की सजा मिलेगी. किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने पर पुलिस को उसके परिवार को जानकारी देनी होगी. एफआईआर से लेकर कोर्ट के निर्णय तक कि पूरी प्रक्रिया अब ऑनलाइन होगी. सात साल से अधिक सजा वाले मामले में फॉरेंसिक जांच अनिवार्य रहेगा.


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