एक्सप्लोरर

महाभारत युग में पांडवों ने बिहार के इस जगह बनाया था सुरंग, आज वहां स्थानीय लोग करते हैं खेती

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित कई राजनेताओं ने इस स्थल को पर्यटन स्थल का दर्जा देने की बात कही थी. उस दौरान समस्तीपुर के जिलाधिकारी ने इस स्थल पर चल रहे खुदाई का निरीक्षण भी किया था.

समस्तीपुर: जिले के दलसिंहसराय अनुमंडल के पगड़ा पंचायत स्थित पांड (पांडव स्थान) के महाभारत कालीन किवदंतियों से जुड़े होने के साथ-साथ ही कुछ वर्षों पूर्व 8वीं बार हुए पुरातात्विक उत्खनन से कुषाणकालीन सभ्यता से जुड़े होने के भी प्रमाण मिले हैं. यह संपूर्ण क्षेत्र तीन सांस्कृतिक चरणों में विभाजित है. जैसे 2000 ई. पूर्व ताम्रपाषाण काल, 300 ई. पूर्व उतरी काले पालिषदार मृदभाण्ड और 100 ई. पूर्व कुषाणकाल.

वर्ष 2002 में शोधकर्ताओं के अधीन की गई खुदाई से मिले अवशेषों, मानकों, स्फटिक, मिट्टी के बर्तन, हड्डिया तथा हाथी दांत से बने पाषाण इत्यादि ने कुषाणकालीन सभ्यता-संस्कृति को उजागर किया था. उस समय इसका इतिहास ईसा से 7वीं या 8वीं शताब्दी पूर्व शुरू होने की पुष्टि की गई थी.

वहीं डीह से लगभग 1.5 किमी. दूर चौर में दीवारें पाई गई थी जो 45 से.मी से लेकर 1 मीटर चौड़ी थी. एक मृदमाण्ड के टुकड़े पर ब्राम्ही लिपि का अभिलेख पढ़े जाने के बाद शासक और शासन पद्धति की विस्तृत जानकारी प्राप्त हुई थी. अभी तक हुई खुदाई से इस स्थल को साढ़े तीन से चार हजार वर्ष पुराने ताम्रपाषाण कालीन सभ्यता और संस्कृति को राष्ट्रीय स्तर पर चिन्हित किया गया था.

देश के अन्य ताम्रपाषाण कालीन स्थलों की तरह यह स्थल भी मुख्यतः ग्रामीण था. यहां चावल पर आधारित एक विस्तृत संस्कृति आबाद रह चुकी थी. यहां से प्राप्त पुरावशेषों की तुलना बिहार के सोनपुर, चिरांद और देश के अन्य प्रमुख बस्तियों अहाड़, गिलुन्द (राजस्थान), दाम्याबाद, जोखे (महाराष्ट्र), मिदनापुर, वीरभूम (पू. भारत) तथा नवदाटोली, कामथ (मध्य प्रदेश) से की जाती रही है.

पांडव स्थान की खुदाई जब 24 फीट गहराई तक की गई तो 15 स्तंभों का भी पता चला था, जिसमें सबसे निचले स्तर पर काले मृदन, कटोरे, तसले, कृष्ण लिपत मृदमाण्ड, घड़े सहित विविध आकार-प्रकार के बर्तनों के मिलने से पता चलता है कि उस काल में भोजन पद्धति में तरल पदार्थ की अधिकता थी. सबसे महत्वपूर्ण चीज मृण्मूर्ति बाग की आकृति मिलने से यहां पर नाथ पूजा होने की बात सामने आती है जो आज तक यहां पर प्रचलित है. वहीं टोरी वाले जल पात्र एवं गौड़ीदार कटोरे प्रमाणित करते है कि यहां के लोग शिल्पकारी में दक्षता प्राप्त थे.

एक अनुमान के मुताबिक कहा जाता है कि वर्षा की न्यूनता के कारण यहां की ताम्र पाषाण संस्कृति का पतन लगभग 1000 ई. पूर्व हो गया था. ताम्र पाषाण संस्कृति के साथ ही हड़प्पा सभ्यता 1200 ई. पूर्व, वैदिक संस्कृति 1700 ई. पूर्व तथा 1500 ई. पूर्व यहां एक ग्रामीण और सप्रांतीय संस्कृति विकसित थी. माना जाता है कि मगध संप्राय का विस्तार बिहार में मध्य बिहार और उत्तर बिहार तक ही सीमित था, परंतु इस स्थान की खुदाई में मिले मौर्य कालीन अवशेष संकेत देते है कि यदि यहां पर फिर से खुदाई की जाए तो कई अन्य सभ्यता की परतें खुलनी शुरू हो जाएगी.

पहले ऐसी धारणा थी कि कुषाणों का साम्राज्य वाराणसी तक ही सीमित था, लेकिन लगातार उत्खनन पूर्वी भारत जैसे पांडव स्थान में भी कुषाणों की उपस्थिति दर्शाते है. यहां पर मिले ब्राह्मणी अभिलेख, राजाओं की तस्वीर युक्त तांबे के सिक्के, तांबे की कटोरियां, औजार, मुहर, मिट्टी के बर्तन, मूर्तियां, कार्लियन, जैस्पर, गोमेद पत्थर, चमकीली मोतियां, काले रंग का चमकीला बर्तन, अगैठ, हाथी दाँत और कुषाण कालीन सिक्कों को संस्थान के द्वारा लखनऊ स्थित बीरबल साहनी इंस्टीच्यूट में भेजकर रेडियो कार्बन डेटिंग पद्धति द्वारा इसके काल का निर्धारण किया जाता है.

पटना स्थित केपी जायसवाल शोध संस्थान के निदेशक विजय कुमार चौधरी ने एक संवाददाता को बताया था कि रेडियो कार्बन डेटिंग कराये जाने पर यह प्रमाणित करते हैं कि यह सभी चीजें लगभग 3600 वर्ष पुराने हैं, वहीं लगभग 400 वर्ष पुरानी यहां की सभ्यता बुद्ध काल तक आते-आते एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र बन गया. जबकि कुषाण काल में यह सम्पूर्ण क्षत्र एक स्थापित नगरी के रूप में विकसित हो चला था.

कई वर्षों से चल रहे खुदाई का मुख्य उद्देश्य कुषाण काल के नगरीय व्यवस्था, कृषि व्यापार, अपवाहतंत्र, ताम्रपाषाण युग की संस्कृति इत्यादि को समझना है. जबकि के.पी जायसवाल शोध संस्थान द्वारा खुदाई की देख-रेख के लिए पुरातत्वविदों को इस स्थल पर प्रतिनियोजित किया गया था.

बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित कई राजनेताओं ने इस स्थल को पर्यटन स्थल का दर्जा देने की बात कही थी. उस दौरान समस्तीपुर के जिलाधिकारी इस स्थल पर उस समय चल रहे खुदाई का निरीक्षण भी किया था. परंतु आज तक इसे पर्यटक का दर्जा तो दूर की बात है, फिलहाल इसका खुदाई का कार्य भी रोक दिया गया है. पहले खुदाई के दौरान इसके आस-पास भटकने की भी किसी को इजाजत नहीं थी. वहीं आज इस जगह खेती की जा रही है.

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Rahul Gandhi Mudra Remark Row: गुरु नानक की मुद्रा पर टिप्पणी कर घिरे राहुल गांधी, SGPC ने लगाई फटकार, जानें क्या कहा
गुरु नानक की मुद्रा पर टिप्पणी कर घिरे राहुल गांधी, SGPC ने लगाई फटकार, जानें क्या कहा
'अगर हिंदू हिंसक होता तो...', सार्वजनिक मंच से नूपुर शर्मा का कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर पलटवार
'अगर हिंदू हिंसक होता तो...', सार्वजनिक मंच से नूपुर शर्मा का कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर पलटवार
जब अमिताभ बच्चन ने छुए थे राजेश खन्ना के पैर, 'काका' की मौत पर रो पड़े थे 'बिग बी', डिंपल कपाड़िया से पूछा था ये सवाल
जब अमिताभ बच्चन ने छुए थे राजेश खन्ना के पैर, फिर 'काका' को देखकर रोने लगे थे बिग बी
Video: संसद में बोल रहे थे इमरान मसूद, बगल में बैठे सपा सांसद सोते हुए भर रहे थे खर्राटे
संसद में बोल रहे थे इमरान मसूद, बगल में बैठे सपा सांसद सोते हुए भर रहे थे खर्राटे
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Sandeep Chaudhary: राजनीति बेशर्म…बाबा को बचाना कैसा राजधर्म ? | Hathras Case | ABP NewsHathras Stampede: 'चरण राज' पर मौत का खेल...पुलिस प्रशासन कैसा फेल ? | ABP News | UP NewsUP CM Yogi Adityanath से विपक्ष का सवाल, कब चलेगा बाबा सूरजपाल पर Bulldozer ? । Hathras Stampedeकैमरे पर आते ही बाबा Surajpal की इस एक बात ने सबको चौंकाया । Hathras Stampede

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Rahul Gandhi Mudra Remark Row: गुरु नानक की मुद्रा पर टिप्पणी कर घिरे राहुल गांधी, SGPC ने लगाई फटकार, जानें क्या कहा
गुरु नानक की मुद्रा पर टिप्पणी कर घिरे राहुल गांधी, SGPC ने लगाई फटकार, जानें क्या कहा
'अगर हिंदू हिंसक होता तो...', सार्वजनिक मंच से नूपुर शर्मा का कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर पलटवार
'अगर हिंदू हिंसक होता तो...', सार्वजनिक मंच से नूपुर शर्मा का कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर पलटवार
जब अमिताभ बच्चन ने छुए थे राजेश खन्ना के पैर, 'काका' की मौत पर रो पड़े थे 'बिग बी', डिंपल कपाड़िया से पूछा था ये सवाल
जब अमिताभ बच्चन ने छुए थे राजेश खन्ना के पैर, फिर 'काका' को देखकर रोने लगे थे बिग बी
Video: संसद में बोल रहे थे इमरान मसूद, बगल में बैठे सपा सांसद सोते हुए भर रहे थे खर्राटे
संसद में बोल रहे थे इमरान मसूद, बगल में बैठे सपा सांसद सोते हुए भर रहे थे खर्राटे
IND vs ZIM: तूफानी अभिषेक शर्मा समेत 3 खिलाड़ी कर रहे भारत के लिए डेब्यू, जिम्बाब्वे के खिलाफ छाप छोड़ने का मौका
तूफानी अभिषेक शर्मा समेत 3 खिलाड़ी कर रहे भारत के लिए डेब्यू, जिम्बाब्वे के खिलाफ छाप छोड़ने का मौका
सरकार पर संसदीय नियंत्रण के लिए जरूरी है सशक्त विपक्ष का होना
सरकार पर संसदीय नियंत्रण के लिए जरूरी है सशक्त विपक्ष का होना
Kitchen Garden Tips: अब हरी मिर्च और धनिए के लिए देने पड़ते हैं पैसे, इस तरीके किचन गार्डन में लगा लें
अब हरी मिर्च और धनिए के लिए देने पड़ते हैं पैसे, इस तरीके किचन गार्डन में लगा लें
अभय सिंह चौटाला ने मायावती से की मुलाकात, क्या हरियाणा विधानसभा चुनाव में होगा गठबंधन?
अभय सिंह चौटाला ने मायावती से की मुलाकात, क्या हरियाणा विधानसभा चुनाव में होगा गठबंधन?
Embed widget