नालंदा: साइबर थाना पुलिस ने एक ऐसे मामले का खुलासा बुधवार को किया है जो देश ही नहीं बल्कि विदेश से साइबर फ्रॉड का कनेक्शन है. बता दें कि पाकिस्तान में बैठे फ्रॉड मोनेटाइज हुए फेसबुक पेज के ऑनर को जाल में फांसकर लिंक भेजी और किसी तरह हैक कर लेता है. इस पेज को मोटी रकम में राजस्थान के साइबर गिरोह के यहां बेच देता था. गिरफ्तार साइबर गिरोह का पाकिस्तान, कराची और इस्लामाबाद के साइबर फ्रॉड से कनेक्शन था. गिरफ्तार होने के बाद मोबाइल की जांच में इसका खुलासा हुआ है.


पूरा मामला यह है कि बिहार शरीफ में एक लोकल न्यूज़ का फेसबुक पेज चल रहा था. पेज ऑनर राजकुमार मिश्रा के द्वारा 7 जनवरी को साइबर थाना में पेज हैक का मामला दर्ज कराया गया था. मामला दर्ज होने के बाद पुलिस जांच में जुट गई थी.


साइबर फ्रॉड आया था लाइव


बताया जाता है कि पेज हैक होने के बाद इस पेज पर साइबर फ्रॉड लाइव आया था. पुलिस लाइव आने वाला साइबर फ्रॉड का चेहरा और लोकेशन ट्रेस किया गया फिर राजस्थान के चितौरगड़ जिले में नालंदा पुलिस की टीम ने छापेमारी की. पुलिस ने लाइव आने वाला साइबर फ्रॉड और इसके एक सहयोगी को गिरफ्तार कर लिया, गिरफ्तार फ्रॉड की पहचान राजस्थान राज्य के चितौरगड़ जिला अंतर्गत श्रीनगर गांव निवासी उदय लाल धाकड़ के पुत्र रोहित धाकड़ और दूसरा फ्रॉड रतन लाल धाकड़ के पुत्र ओम प्रकाश धाकड़ के रूप में हुई है.


एक लोकल न्यूज़ के फेसबुक पेज हुआ था हैक


साइबर थाना प्रभारी डीएसपी ज्योति शंकर ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि 7 जनवरी को एक लोकल न्यूज़ के फेसबुक पेज को फ़िशिंग मालवेयर का प्रयोग कर हैक कर लिया गया है. इस संबंध में थाना में मामला दर्ज होने के बाद पुलिस जांच में जुट गई थी. टेक्निकल एविडेंस में पता चला कि यह पेज को पाकिस्तान के हैकर्स गिरोह के द्वारा हैक किया गया है और इस पेज को मोटी रकम में राजस्थान के साइबर गिरोह में बेच दिया गया है. पुलिस ने तकनीकी अनुसंधान के बाद गिरोह के दो सदस्यों को राजस्थान से गिरफ्तार किया. अभियुक्तों से पूछताछ में पता चला कि यह गिरोह मोनेटाइज और हाई व्यूअरशिप वाले फेसबुक पेज की खरीद करता था जिससे पेज से लाखों रुपए कमा सके.


गिरफ्तार साइबर फ्रॉड के मोबाइल से कई और लिंक मिले हैं- पुलिस


पाकिस्तान के हैकर राजस्थान के साइबर सदस्यों के बीच विभिन्न फेसबुक ग्रुप और व्हाट्सएप के माध्यम से बेच देता था. इसके एवज में क्रिप्टो के माध्यम से पैसे हैकर्स तक भेजे जाते हैं, अब तक इस गिरोह के द्वारा 50 से अधिक फेसबुक पेज को हैक किया जा चुका है. अनुसंधान में अब तक 20 से अधिक मोनेटाइज और हाई व्यूअरशिप वाले फेसबुक पेज के लिंक प्राप्त हुए हैं. पुलिस आगे जांच कर रही है. गिरफ्तार साइबर फ्रॉड के मोबाइल से कई और लिंक मिले हैं जिसपर जांच चल रही है.


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