Cyber Fraud News: ठगी करने के लिए अलग-अलग तरीके से लोगों को फोन कॉल आते रहते हैं. आए दिन साइबर ठग नया-नया तरीका ढूंढते हैं कि कैसे लोगों को झांसे में लिया जाए. बिहार के बांका से एक मामला सामने आया है जिसे जानकर आपको थोड़ा अलग लगेगा. डिप्टी जेलर बनकर कैदी के परिजन को फोन किया गया. इसका खुलासा तब हुआ जब इस फर्जी कॉल के बाद परिजन दौड़े-दौड़े बांका मंडल कारा पहुंचे. उन्होंने इसकी जानकारी जेल प्रशासन को दी.
'10 हजार रुपये चाहिए... जल्द भेज दें'
फोन करने वाले ने कहा, "हैलो मैं मंडल कारा से डिप्टी जेलर बोल रहा हूं, आपका बंदी जेल परिसर में गिर गया है. उसका पैर-हाथ टूट गया है. सदर अस्पताल में इलाज के बाद भागलपुर रेफर किया गया है, जहां चिकित्सा और दवा तो फ्री है लेकिन तत्काल दो यूनिट खून की जरूरत है. इसके लिए पैसे की आवश्यकता है. फिलहाल 10 हजार रुपये चाहिए, जल्द भेज दें."
कैदी के परिजनों को पैसे देने के लिए व्हाट्सअप पर एक क्यूआर कोड भी भेजा गया. हालांकि परिजन झांसे में नहीं आए. वे इस बात की शिकायत को लेकर जेल पहुंचे तो वहां उनकी मुलाकात कैदी से कराई गई. वह पूरी तरह स्वस्थ्य दिखा. देखते ही देखते कई अन्य परिजन भी इस तरह की शिकायत लेकर पहुंचे. इस फर्जी सूचना के बाद जेल प्रशासन अलर्ट हो गया है. जेल अधीक्षक आशीष रंजन के निर्देश पर सभी बंदियों को इस संबंध में जागरूक किया जा रहा है. साथ ही परिजनों को भी सतर्क किया जा रहा है.
चार-पांच दिनों से आ रहा है ऐसा मामला
बताया जाता है कि मोबाइल नंबर 9084099220 से कॉल आया था. गलत कैदी के बारे में जानकारी देकर जेल प्रशासन की ओर से जब इस नंबर पर बात की गई तो साइबर अपराधी उसी अंदाज में पैसे की मांग करने लगा. इस संबंध में बांका मंडल कारा के डिप्टी सुपरिटेंडेंट भोला प्रसाद शर्मा ने एबीपी न्यूज़ से बुधवार (14 अगस्त) को बताया कि यह मामला बीते कई दिनों से सामने आ रहा है. साइबर ठग पिछले 4-5 दिनों से आए दिन किसी न किसी कैदी के परिजनों को फोन कर रहे हैं. झूठी मनगढ़ंत कहानियां सुनाकर पैसे की ठगी करने का प्रयास कर रहे हैं. इसके बाद परिजन मंडल कारा पहुंचकर कैदी से मिलकर संतुष्ट होकर जा रहे हैं.
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