'आपके नाम पर ड्रग्स...', साइबर ठगी का ये तरीका हैरान कर देगा! बिहार में भी आने लगे फोन
Cyber Farud News: साइबर ठगी के नए तरीके का मामला राजधानी पटना से आया है. ठगी के नए तरीके को आप जानेंगे तो जरा सा भी शक नहीं होगा कि इस तरह से भी धोखाधड़ी हो सकती है.
Cyber Crime News: तू डाल-डाल, तो मैं पात-पात... साइबर क्राइम का जाल इस तरह फैल रहा है कि धोखाधड़ी के नए-नए तरीकों के चक्कर में पढ़े-लिखे लोग भी फंस जा रहे हैं. इतना ही नहीं बल्कि नई तरह की ठगी के तरीकों के बारे में आप जानेंगे तो हैरान रह जाएंगे. जब तक ठगी के एक तरीके पर पुलिस कार्रवाई कर रही है तब तक दूसरी ओर साइबर ठग जालसाजी के लिए नया तरीका ढूंढ ले रहे हैं. अब साइबर ठग कस्टम से जुड़ा केस बताकर झांसे में ले रहे हैं और पैसा ठग रहे हैं. बिहार में भी इस तरह के फोन लोगों को आने लगे हैं.
केस स्टडी से समझिए जालसाजों के खेल का तरीका
बिहार की राजधानी पटना के रहने वाले एक व्यक्ति को शुक्रवार (05 अप्रैल) को फोन आया. यह फोन कॉल कंप्यूटर के माध्यम से किया गया था. इसमें कहा गया कि आपके नाम से एक कूरियर था वह कैंसिल हो गया है. कस्टमर केयर से बात करने के लिए 2 दबाएं. इस पर शख्स ने अपने मोबाइल फोन से 2 दबा दिया और यहीं से शुरू हो गया जालसाजी का खेल.
(नीचे देखिए एक तस्वीर जिसे साइबर फ्रॉड ने शख्स को ठगने के लिए भेजा)
'आपके नाम पर ड्रग भेजा जा रहा था'
कस्टमर केयर ने कहा कि आपके नाम पर एक कूरियर ताइवान भेजा जा रहा था. इसमें ड्रग्स था. इसलिए कस्टम वालों ने मुंबई में पकड़ लिया है. इस पर शख्स ने कस्टमर केयर से कहा कि मैंने तो कोई कूरियर नहीं भेजा है. कस्टमर केयर ने कहा कि आप मुंबई साइबर क्राइम में जाकर केस कर दें. उसने यह भी कहा कि आप नहीं जा सकते हैं तो वह ऑनलाइन केस दर्ज कराने में मदद कर देगा. इस पर शख्स ने कहा कि आप ऑनलाइन केस दर्ज करा दें.
बातचीत के दौरान ही कस्टमर केयर ने एक फेक पार्सल नंबर भी दिया. इसके साथ ही कुछ और भी जानकारी उसने दी. कहा कि इसे नोट कर लिया जाए ताकि केस करने में यह सारी जानकारी पुलिस को दी जा सके. उसने बताया कि पार्सल में एक पासपोर्ट, तीन बैंक क्रेडिट कार्ड, पांच किलो कपड़ा, एक लैपटॉप और 200 ग्राम ड्रग्स था. ड्रग्स की वजह से पार्सल को कस्टम ने पकड़ लिया है.
(नीचे देखिए एक और तस्वीर जिसे साइबर फ्रॉड ने ठगने के लिए भेजा)
हेलो... क्राइम ब्रांच!
ऑनलाइन केस दर्ज कराने के लिए कस्टमर केयर ने यह कहकर कॉल लगा दिया कि वह मुंबई साइबर क्राइम को फोन लगा रहा है, वहां से रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी. एक ठग साइबर क्राइम का अधिकारी बनकर आगे बात करने लगता है. फोन लगते ही उसने कहा हेलो मुंबई क्राइम ब्रांच.
फ्रॉड ने केस दर्ज करने के लिए कहा कि पहले फोन में स्काइप इंस्टॉल करना होगा. वहां से कुछ जानकारी मांगी जाएगी वह देने के साथ ही पूरी मदद करेगा. यह सारी प्रक्रिया करीब एक घंटे से अधिक चली. ठग जो अधिकारी बनकर बात कर रहा था उसने शख्स से उसका आधार कार्ड स्काइप पर मांगा. कितने बैंकों में खाते हैं इसकी जानकारी भी उसने ली. हालांकि एक घंटे के दौरान हुई बातचीत में पैसे पर कोई बात नहीं आई थी तो ऐसे में यह केस ऐसा लग रहा था कि बिल्कुल सही है.
'...तो केस से हटा दिया जाएगा नाम'
आधार की फोटो कॉपी देने के बाद के बाद उसने किसी सीनियर से बात की. सीनियर अधिकारी (फ्रॉड) ने कहा कि कई जगहों पर आधार कार्ड लॉगइन है. बातचीत में ठगों ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े केस में भी आधार कार्ड का इस्तेमाल हुआ है. इसके बाद फ्रॉड ने कहा कि बैंक खातों में जो पैसे हैं उसमें कोई ट्रांजेक्शन संदिग्ध तो नहीं है? शख्स ने जवाब दिया कि ऐसा तो कुछ नहीं हुआ है. इस पर फ्रॉड ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग में भी आधार कार्ड का इस्तेमाल हुआ है. आप जांच के दायरे में हैं तो पुलिस को सहयोग करें. जांच के बाद आप सही साबित होते हैं तो केस से नाम हटा दिया जाएगा.
फ्रॉड ने कहा कि बैंक में जो भी पैसे हैं उसकी जांच होगी. कुछ देर के लिए खाता फ्रीज किया जाएगा. फ्रॉड का शक तब होना शुरू हुआ जब यह पूछा जाने लगा कि किस-किस खाते में कितने पैसे हैं. इसकी जानकारी देने के बाद फ्रॉड ने कहा कि क्राइम ब्रांच की फाइनांशियल टीम इसकी जांच करेगी.
कुछ देर वीडियो कॉल पर बने रहने के बाद फ्रॉड ने कहा कि आरबीआई का एक लेटर स्काइप पर भेजा गया है. इसमें से कुछ राशि को संदिग्ध माना गया है. आप इसे एक पोर्टल पर ट्रांसफर कर दें. अगर यह गलत नहीं रहा तो 15 मिनट में वापस आपके खाते में भेज दिया जाएगा. यहीं पर शख्स को शक हुआ और उसने कहा कि वह पैसे ट्रांसफर नहीं करेगा. अगर पुलिस को जांच करनी है तो खाते की जांच की जाए कि कहां से मनी लॉन्ड्रिंग का केस बनता है. इस पर फ्रॉड समझ गया और फोन काट दिया.
बता दें कि साइबर ठगों ने इस तरह का अब नया तरीका ढूंढ लिया है. ऐसे कॉल अब बिहार में भी आने लगे हैं. हालांकि वीडियो कॉल पर बातचीत होने के कारण कोई ठोस प्रमाण भी नहीं मिल पा रहा है जिसके चलते लोग साइबर थाने में केस करने से भी हिचकिचा रहे हैं. इस तरह के फर्जी कॉल से आप बचें नहीं तो साइबर फ्रॉड के जाल में फंस सकते हैं और आपको चूना लग सकता है.
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