गया: अरब सागर से उठा चक्रवाती तूफान बिपरजॉय (Cyclone Biparjoy) खतरनाक रूप ले चुका है. यह गुजरात से टकराने वाला है. इसके पहले निचले तटीय इलाकों से हजारों लोगों को निकालकर शेल्टर होम में पहुंचाया गया है. इस तूफान से भारी तबाही की आशंका है. इसके पहले बिहार के बोधगया के तिब्बत मंदिर में गुरुवार (15 जून) की सुबह से बौद्ध भिक्षुओं द्वारा विशेष पूजा की जा रही है.
टाली नहीं जा सकती है आपदा: मंदिर प्रभारी
बताया गया कि तूफान से ज्यादा नुकसान न हो इसके लिए बोधगया के तिब्बत बौद्ध मंदिर में यह पूजा कराई जा रही है. तिब्बत मंदिर के प्रभारी एमाजी बौद्ध भिक्षु ने कहा कि आपदा है तो टाली नहीं जा सकती है, लेकिन इस आपदा से कम से कम जानमाल का नुकसान हो इसके लिए बौद्ध भिक्षुओं के द्वारा विशेष पूजा–अर्चना की गई है. इसके लिए कई बौद्ध भिक्षुओं के द्वारा सुबह से ही भगवान बुद्ध के समक्ष पूजा-अर्चना की जा रही है.
भयंकर बारिश और बाढ़ के जैसे हो सकते हैं हालात
इधर बिपरजॉय तूफान को लेकर मौसम विज्ञान केंद्र द्वारा बताया जा रहा है कि गुजरात तट पर अरब सागर में दो से तीन मीटर ऊंची तूफानी लहरें उठेंगी. तूफान से बड़े पैमाने पर नुकसान का अंदेशा जताया गया है. गुजरात के पश्चिमी तटीय जिलों में तूफान की वजह से भयंकर बारिश और बाढ़ से हालात उत्पन्न हो सकते हैं. इसके अलावा मकान को भी नुकसान पहुंच सकता है.
किन किन पार्ट से गुजरेगा तूफान?
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, बिपरजॉय गुरुवार (15 जून) की शाम को गुजरात के कच्छ, सौराष्ट्र क्षेत्र, मांडवी तट और पाकिस्तान के कराची पोर्ट से गुजरेगा. इस दौरान हवा की रफ्तार 125-135 किलोमीटर प्रति घंटा रहने का अनुमान है. यह 150 किमी प्रति घंटे तक भी जा सकती है.
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