पटना: एनडीए के सहयोगी दल लोक जनशक्ति पार्टी को चुनौती देने के लिए जेडीयू अपना दलित कार्ड चलने की तैयारी में है. अभी कुछ दिन पहले ही दलितों को लुभाने के लिए नीतीश सरकार ने उस समाज के लोगों की हत्या होने पर सरकारी नौकरी देने का प्रावधान किया है. अब, इस फैसले को और भी प्रचारित करने के लिए सरकार तैयारी में लगी है.


इसी क्रम में शुक्रवार को नीतीश सरकार के दलित मंत्री संतोष निराला के सरकारी आवास पर मंत्री अशोक चौधरी, महेश्वर हजारी समेत कई अन्य दलित सांसदों और विधायकों ने बैठक की. इस बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सम्मानित करने का फैसला लिया गया.


इस बैठक के संबंध में मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि यह बैठक दलित समाज के लोगों की समस्याओं को लेकर है. हमारे नेता नीतीश कुमार ने जो निर्णय किया है कि दलित परिवार के लोगों की हत्या पर सरकारी नौकरी दी जाएगी. उन्हें आर्थिक और समाजिक रूप से सबल बनाने के लिए उन्होंने जो काम किया है. उसी के संबंध में बैठक हुई है.


मंत्री महेश्वर हजारी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अनुसुचित जाति और जनजाति के लिए ऐतिहासिक रूप से काम किया है. पिछले दिनों उन्होंने जो फैसला लिया है कि दलित परिवार के लोगों की हत्या पर सरकारी नौकरी मिलेगी, यह बहुत बड़ा फैसला है. हमलोग इस फैसले पर उनसे मिलकर उनका स्वागत करेंगे. नीतीश कुमार जी दूसरे अंबेडकर के रूप में पैदा लिए हैं और दलित समाज के लिए काम कर रहे हैं.


मंत्री संतोष निराला ने कहा कि नीतीश कुमार जी की वर्चुअल रैली अनुसुचित जाति और जनजाति के योगदान से सफल रही, इसलिए हम उनका अभिनंदन करते हैं. दलित-महादलित समाज नीतीश कुमार जी को अपना नेता मानता है और भविष्य में भी अपना नेता मानेगा.


बता दें कि बिहार में अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होना है. इसी को लेकर सभी पार्टियां अपने-अपने तरीके से दलितों को लुभाने की तैयारी में हैं. इसी कड़ी में दलित नेता जीतन राम मांझी भी एनडीए में शामिल हुए हैं.


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