दरभंगा: शहर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल दरभंगा मेडिकल कॉलेज (DMCH) में एक लेटर ने हड़कंप मचा दिया. लेटर अज्ञात जीएनएम नर्सिंग छात्रा के नाम से लिखा गया है. लेटर में प्रभारी प्राचार्य डॉक्टर इंद्रमणि मिश्रा पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं. लेटर में लिखा गया है कि डॉ उसके शरीर को गलत तरीके से छूते हैं, उसके साथ अश्लील हरकतें करते हैं. छात्रा ने दरभंगा डीएम के नाम से ये लेटर लिखा है. बुधवार को पूरे अस्पताल में इससे हड़कंप मच गया. हालांकि अस्पताल ने लेटर को फर्जी बताया है और जांच की बात कही है.
तीन सदस्यीय जांच टीम कर रही छानबीन
इस खत में छात्रा ने अपना नाम नहीं लिखा है. उसने करियर खराब होने का हवाला दिया है. शिकायतकर्ता ने अपना नाम छुपा कर यह पत्र लिखा है. पत्र में उसकी कॉपी डीएम के साथ साथ दरभंगा मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल, डीएमसीएच के अस्पताल अधीक्षक, बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री तक को प्रतिलिपि भेजने की बात लिखी गई है. इसी अनजान पत्र के कारण पूरे अस्पताल में हड़कंप की स्थिति रही. उधर, मामले की गंभीरता को देखते हुए तीन सदस्यीय जांच टीम बनी. जांच टीम ने जांच शुरू भी कर दी है. इसकी पुष्टि खुद दरभंगा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर के.एन . मिश्रा ने भी की है.
जीएनएम नर्सिंग के प्रभारी प्राचार्य ने खुद को बताया निर्दोष
आरोपों से घिरे जीएनएम नर्सिंग के प्रभारी प्राचार्य ने खुद को निर्दोष बताते हुए पुरे मामले की गहन जांच के बाद ऐसे झूठे पत्र लिखने वाले के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. प्रभारी प्राचार्य पर आरोपों की खबर जैसे ही बाकी नर्सिंग छात्राओं को लगी सभी ने बैनर पोस्टर लेकर प्रभारी प्राचार्य के समर्थन में अधीक्षक कार्यालय पर जाकर प्रदर्शन शुरू कर दिया. प्रदर्शनकारी छात्रा एक सिरे से बस यही कहती दिखीं कि उनके सर गलत नहीं है. कुछ लोग साजिश के तहत डॉ इंद्रमणि मिश्रा को बदनाम कर रहे.
डीएमसीएच अधीक्षक ने लेटर को कहा फेक
दरभंगा डीएमसीएच के अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर हरिशंकर मिश्रा ने पहली नजर में आरोप वाले खत को फेक बताया. इसे एक साजिश की आशंका से जोड़ कर देखा. हालांकि उन्होंने साजिश किसने की और क्यों इसका कोई ठोस जवाब नहीं दिया. पूरे मामले में जांच की बात कही है. जांच टीम के रिपोर्ट के बाद पूरे मामले को पुलिस के पास देने की कही गई है.
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