दरभंगा: पाॅक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश विनय शंकर की न्यायालय ने मंगलवार को एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म मामले में दोषी शिक्षक को उम्र कैद की सजा सुनाई है. साथ ही 50 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है. विषेश लोक अभियोजक अमर प्रकाश ने बताया कि 17 जूलाई 2018 को शाम 7 से 9 बजे के बीच हायाघाट थाना क्षेत्र के हाफिज मजिबुर रहमान ने नौ वर्षीय बच्ची को उसके घर में ट्यूशन पढ़ाने के दौरान ही दुष्कर्म करने लगा. बच्ची के चिल्लाने पर जब उसकी मां कमरे में आई तो शिक्षक को दुष्कर्म करते हुए देखी, जिसके बाद पीड़िता की मां ने किसी प्रकार बच्ची को शिक्षक से दूर किया.


इसके बाद पीड़िता के परिजन ने खून से लथपथ बच्ची को तत्काल हायाघाट प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया. जहां से बेहतर इलाज के लिए पीड़िता को डीएमसीएच भेज दिया गया. वहीं, 18 जुलाई 2018 को अभियुक्त के विरुद्ध हायाघाट थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई. इसके बाद पुलिस ने आरोपी शिक्षक को 19 जुलाई 2018 को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया. फिलहाल अभियुक्त न्यायिक हिरासत में है.


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नवम्बर 2018 में आरोप गठन कर ट्रायल किया शुरू


लोक अभियोजक अमर प्रकाश ने बताया कि न्यायालय ने 12 अक्टूबर 2018 को संज्ञान लिया एवं 5 नवम्बर 2018 को आरोप गठन कर ट्रायल शुरू कर अभियोजन पक्ष से 8 गवाहों की गवाही कलमबद्ध किया और 12 दस्तावेजी साक्ष्य प्राप्त किया. पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश विनय शंकर ने उभयपक्ष की ओर से सुनवाई के बाद 6 मई को पाॅक्सो एक्ट में दोषी करार दिया. इसके बाद हाफिज मजिबुर रहमान को उम्र कैद और पचास हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई. न्यायालय ने बिहार पीड़ित प्रतिकर योजना के तहत 6 लाख रुपये भुगतान करने का आदेश राज्य सरकार को भी दिया है.


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