सिवानः बिहार में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का दावा करने वाली सरकार अपनी लापरवाही के कारण फिर सवालों के घेरे में है. स्वास्थ्य विभाग इस कदर लचर है कि उसके पास अपने पीएचसी प्रभारियों की सही जानकारी भी नहीं है. दूसरे जिलों की कौन कहे सूबे के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के गृह जिले में विभाग की एक गलती ने सारे दावों की पोल खोल दी है.


कोरोना वायरस से हुआ थी पीएचसी प्रभारी का निधन


दरअसल, स्वास्थ्य विभाग ने एक ऐसे पीएचसी प्रभारी का प्रमोशन कर दिया है जिसका दो महीने पहले ही निधन हो गया है. मामला सिवान के महाराजगंज का है. महाराजगंज पीएचसी के हेल्थ मैनेजर महताब अनवर ने बताया कि बीते 19 अप्रैल को महाराजगंज पीएचसी प्रभारी डॉक्टर राजेश्वर प्रसाद सिन्हा कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. इलाज के दौरान छह मई को उनका निधन हो गया था. 


विभाग को हुआ गलती का अहसास तो नोटिफिकेशन हटाया


बताया जाता है कि स्वास्थ्य विभाग (पटना) की ओर से बीते दिनों बड़े पैमाने पर पीएचसी प्रभारियों का ट्रांसफर कर प्रोमोशन देते हुए दूसरे जिलों में पोस्टिंग की गई है. इसमें महाराजगंज के तत्कालीन पीएचसी प्रभारी डॉ. राजेश्वर सिन्हा को प्रोमोशन देते हुए गोपालगंज में अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी (एसीएमओ) का पद दिया गया है. हालांकि नोटिफिकेशन जारी हो जाने के बाद विभाग को अपनी गलती का अहसास हुआ और दस मिनट के बाद ही इसे साइट से हटा लिया. 


पहले भी स्वास्थ्य विभाग कर चुका है ऐसी गलती


अब सूबे के स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले में इस तरह की बड़ी लापरवाही सामने आने पर जिले में जमकर खिल्ली उड़ाई जा रही है. बता दें कि इससे पहले भी मार्च में ऐसा मामला सामने आया था, जिसमें एक मृत डॉक्टर का ट्रांसफर कर दिया गया था. वहीं विधानसभा में हुए हंगामे के बाद स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने अपनी सफाई दी थी.


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