बिहारः कोरोना से मौत के बाद आठ घंटे तक पड़ा रहा शव, देखने के बाद मुंह घुमाकर चलते बने अधिकारी
एक शव जीएमसीएच में जबकि दूसरा नरकटियागंज अनुमंडल अस्पताल में पड़ा रहा. सोमवार देर शाम दोनों जगह से शव को हटाया गया और दाह संस्कार को भेजा गया.
बेतियाः सोमवार को बेतिया के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (जीएमसीएच) में एक कैदी की कोरोना से मौत हो गई. मौत के बाद करीब आठ घंटे तक उसका शव अस्पताल के परिसर में पड़ा रहा लेकिन उस देखने वाला कोई नहीं था. इस दौरान सदर एसडीएम के नेतृत्व में एक टीम अस्पताल का जायजा लेने के लिए पहुंची लेकिन शव को देखकर भी अधिकारी मुंह घुमाकर चलते बने.
नरकटियागंज अनुमंडल अस्पताल में भी कुछ यैसा हीं नजारा देखने को मिला. यहां एक व्यक्ति की मौत हो गई लेकिन कोरोना के डर की वजह से किसी ने शव को हाथ तक नहीं लगाया. हालांकि देर शाम दोनों जगह से शव को हटाया गया और दाह संस्कार के लिए भेजा गया. बेतिया के जीएमसीएच आईसोलेशन वार्ड में जिस कैदी की मौत हुई है उसका नाम निर्मल यादव है. वो वाल्मीकिनगर के भेड़िहारी का रहने वाला था.
शव के इंतजार में घाट पर इंतजार में डूबी रही पत्नी
कैदी को बेतिया मंडल कारा से आईसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया था. नरकटियागंज अनुमंडल अस्पताल में जिसकी मौत हुई उसका नाम गोल्डी था और उसका शव आठ घंटे तक नरकटियागंज अनुमंडल अस्पताल में पड़ा रहा. जिले के सबसे बड़े अस्पताल जीएमसीएच परिसर में कैदी का शव घंटों यूं हीं पड़ा रहा जिससे अस्पताल प्रबंधन की व्यवस्था पर सवाल खड़ा हो रहे हैं. वहीं, नरकटियागंज अनुमंडल अस्पताल में भी आठ घंटे तक एक व्यक्ति का शव पड़ा रहा और मृतक गोल्डी की पत्नी घाट पर शव का इंतजार कर रही थी.
(इनपुटः कैलाश कुमार)
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