गया: बिहार की वो महिलाएं जो घरेलू हैं और घर बैठे ही कार्य करके पैसे कमाना चाहती हैं, उनके लिए केंद्र की एक योजना बेहद लाभदायक है. इसके तहत गया में महिला काफी पैसे कमा रहीं और उनके टैलेंट की तारीफ भी हो रही. बोधगया में भारत सरकार के दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अंतर्गत शहरी क्षेत्र की महिलाओं को रोजगार के लिए जोड़ा गया है. इसके तहत महिलाओं का एक समूह बनाया गया है. महिलाएं प्रशिक्षण प्राप्त कर घर बैठे अच्छी कमाई कर रही हैं. उनकी इस कला की विदेशों में भी प्रशंसा हो रही है.


घर बैठे हो रही अच्छी आमदनी


सैंड आर्ट से जुड़ी महिला सुधा सिंह बताती हैं कि पहले वह घर में घर का कामकाज कर ऐसे हीं बैठी रहती थी, लेकिन अब प्रशिक्षण लेने के बाद अन्य महिलाओं के साथ घर पर हीं अच्छी आमदनी कर लेती हैं. कहा कि बोधगया में विदेशी पर्यटकों का आने–जाने का सिलसिला लगा रहता है. सैंड आर्ट के जरिए भगवान बुद्ध का चित्र, पीपल के पत्तों को आकर्षक ढंग से सजाने सहित कई चित्रों को बनाती हैं. इसकी बिक्री के लिए समूह द्वारा बोधगया में संचालित एनजीओ से संपर्क करती हैं.


सैंड आर्ट से बनाती खूबसूरत चीजें


बोधगया के भगवानपुर गांव में स्वयं सहायता समूह से कई महिलाएं जुड़ी हैं जिसमे अधिकांश महिलाएं मुस्लिम हैं. वह भी फल्गु नदी के बालू से भगवान बुद्ध के अलावे अन्य धर्मों के भगवान का चित्र बनाने में जुटी हैं. बताया कि भारत सरकार सिद्ध रिसर्च एंड कंसलटेंसी और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एंट्रेन्योरशिप के द्वारा सुना को प्रशिक्षण के बाद 10 हजार रुपए की सहायता राशि मिली है जिससे वह इस रोजगार को और आगे बढ़ा रही हैं. भारत सरकार का उधमिता विकास परियोजना इन महिलाओं के समूह को बालू को रोजगार से जोड़ते हुए सैंड आर्ट का हुनर सिखा रहा. सूक्ष्म और छोटे व्यवसायों को मार्गदर्शन दिखाकर प्रोत्साहित कर रहा है.


यह भी पढ़ें- Bihar Crime: भागलपुर में घर में सो रहे युवक की हत्या, परिजन बोले- पत्नी को पड़ोसी ने दी थी पति की जान लेने की धमकी