Positive Story: पिता को पुलिस वाले ने जड़ा थप्पड़, जज बनकर बेटे ने लिया 'बदला', जानिए पूरा मामला
Bihar News: यह कहानी है बिहार के सहरसा के लाल कमलेश कुमार उर्फ कमल यादव की है. न्यायिक सेवा में 64वीं रैंक लाकर कमलेश को जज बनने में सफलता मिली है.
सहरसा: बेटे के सामने एक पुलिस वाले ने पिता को थप्पड़ जड़ दिया. यह बात बेटे को दिल पर लगी और आज उसी लड़के ने जज बनकर इसका बदला ले लिया है. यह बात आपको फिल्मी लगेगी लेकिन सच्चाई यही है. कहते हैं न कि अगर कोई बात दिल से लग जाए तो इंसान कुछ भी कर गुजर जाता है. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है बिहार के सहरसा के लाल कमलेश कुमार उर्फ कमल यादव ने जिसकी खूब चर्चा हो रही है. गांव के लोग भी खुश हैं और जश्न का माहौल है.
मूल रूप से सहरसा जिले के नवहट्टा प्रखंड की सत्तोर पंचायत के बरुवाही वार्ड नं 12 के रहने वाले कमलेश यादव ने दिल्ली में रहकर लॉ की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद न्यायिक सेवा में 64वीं रैंक लाकर जज बनने में सफलता मिली है. इसके पीछे उनके पिता चंद्रशेखर यादव का बहुत बड़ा योगदान है. इसके पीछे की कहानी भी दिल को छूने वाली है. कमलेश के पिता दिल्ली में झुग्गी झोपड़ी में रहते हुए छोले भटूरे की दुकान चलाते थे. इसी तरह अपने बेटे को पढ़ाया और आज इस काबिल बना दिया कि पुलिस वाले सैल्यूट करेंगे.
लाल रंग की टीशर्ट में कमलेश और ब्लू शर्ट में उनके पिता चंद्रशेखर यादव
बेटे को आया था गुस्सा
आइए जानते हैं कि आखिर पूरी कहानी क्या है. कहते हैं कि एक बार दिल्ली में कमलेश के पिता को एक पुलिस वाले ने थप्पड़ जड़ दिया था. इस पर कमलेश को बहुत गुस्सा आया था. कमलेश के पिता ने अपने बेटे से यह कहा कि पुलिस वाले जज को सैल्यूट करते हैं. इस पर कमलेश ने जज बनने की ठान ली और कड़ी मेहनत कर इसके लिए लग गया. आज रिजल्ट सबके सामने है. कमलेश की सफलता पर आज उसके पूरे गांव में खुशी का माहौल है.
कमलेश के चाचा ने बताई पूरी बात
गांव में रहने वाले कमलेश के चाचा ने बताया कि आज से कई वर्ष पहले कमलेश के पिता रोजगार की तलाश में दिल्ली चले गए थे. वहां उन्होंने एक झुग्गी झोपड़ी ली और छोले भटूरे की दुकान खोल दी. कुछ दिनों बाद 1992 में कमलेश के पिता गांव आए और अपने परिवार को लेकर दिल्ली चले गए. कुछ दिन बाद ही दिल्ली सरकार के आदेश पर अतिक्रमित झुग्गी झोपड़ी को हटा दिया गया. इसके बाद एक किराए का मकान लेकर पूरा परिवार रहने लगा था.
चाचा ने कहा कि कमलेश जब चार साल का था तो वो छोले भटूरे की दुकान में पिता का हाथ बटाता था. एक दिन उसके पिता से एक पुलिस वाले की झड़प हुई और पुलिस वाले ने कमलेश के सामने उसके पिता को थप्पड़ जड़ दिया. यह सब देख कमलेश को काफी दुख हुआ. फिर क्या था उसने ठान लिया था और आगे जाकर लॉ की पढ़ाई की फिर ये सफलता मिली.
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