बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग, नीति आयोग की रिपोर्ट का हवाला देकर JDU नेता ने कही ये बात
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा, " लेकिन वर्तमान दर पर अन्य राज्यों की बराबरी संभव नहीं है. नीति आयोग की हालिया रिपोर्ट इसका प्रमाण है. अतः विनम्र निवेदन है कि 'बिहार को विशेष राज्य का दर्जा' देने की जेडीयू की वर्षों लंबित मांग पर विचार करें और बिहार वासियों को न्याय दें."
पटना: नीति आयोग ने गुरुवार को देश के 36 राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों के प्रदर्शन के आधार पर तैयार रिपोर्ट 'सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स इंडेक्स एंड डैशबोर्ड 2020-21' जारी की है. रिपोर्ट के अनुसार बिहार का प्रदर्शन लगातार तीसरे साल भी खराब रहा है. बिहार को 100 में 52 नंबर दिए गए हैं. जबकि केरल 75 अंक लाकर सभी राज्यों में शीर्ष स्थान पर है. वहीं, केंद्र शासित प्रदेशों में चंडीगढ़ 79 अंक लाकर शीर्ष स्थान पर बना है.
उपेंद्र कुशवाहा ने ट्वीट कर कही ये बात
नीति आयोग की रिपोर्ट आने के बाद फिर एक बार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठने लगी है. ये मांग करने वाले और कोई नहीं बल्कि जेडीयू एमएलसी और नेता उपेंद्र कुशवाहा हैं. अपनी पार्टी आरएलएसपी का जेडीयू में विलय करा कर जेडीयू में शामिल हुए उपेंद्र कुशवाहा ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टैग करते हुए ट्वीट कर कहा, " बिहार-झारखंड विभाजन उपरांत प्राकृतिक संपदाओं का अभाव और बिहारवासियों पर प्राकृतिक आपदाओं का लगातार दंश के बावजूद नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार अपने कुशल प्रबंधन से बिहार में विकास की गति देने में लगी है."
आदरणीय @PMOIndia श्री @narendramodi जी,
— Upendra Kushwaha (@UpendraKushJDU) June 5, 2021
बिहार-झारखंड विभाजन उपरांत प्राकृतिक संपदाओं का अभाव और बिहारवासियों पर प्राकृतिक आपदाओं का लगातार दंश के बावजूद @NitishKumar जी के नेतृत्व में NDA सरकार अपने कुशल प्रबंधन से बिहार में विकास की गति देने में लगी है। 1/2
उन्होंने कहा, " लेकिन वर्तमान दर पर अन्य राज्यों की बराबरी संभव नहीं है. नीति आयोग की हालिया रिपोर्ट इसका प्रमाण है. अतः विनम्र निवेदन है कि 'बिहार को विशेष राज्य का दर्जा' देने की जेडीयू की वर्षों लंबित मांग पर विचार करें और बिहार वासियों को न्याय दें."
तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर साधा था निशाना
बता दें कि नीति आयोग की रिपोर्ट आने के विपक्ष को सरकार को घेरने का एक और मुद्दा मिल गया है. रिपोर्ट को लेकर नेता प्रतिपक्ष ने सीधे तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा था. उन्होंने ट्वीट कर कहा था, " सबसे खराब प्रदर्शन के लिए नीतीश कुमार को बधाई. डबल पावर्ड डबल इंजन सरकार के ड्राइवर! केरल ने बीजेपी को शून्य सीट दी और उसने टॉप रैंक बरकरार रखी. बिहार ने 40 लोकसभा सीटों में से 39 बीजेपी को दी और सबसे खराब प्रदर्शन किया. आत्मनिरीक्षण करें."
तेजस्वी यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा, " नीतीश कुमार जी की सत्तालोलुप अदूरदर्शी नीतियों, गलत निर्णयों और अक्षम नेतृत्व के कारण बिहार लगातार तीसरे वर्ष भी नीति आयोग की रिपोर्ट में सबसे फिसड्डी प्रदर्शन के साथ सबसे निचले पायदान पर है. बीजेपी-नीतीश के 16 वर्षों के कागजी विकास का सबूत सहित यही सार, सच्चाई व असल चेहरा है."
मालूम हो कि नीति आयोग के सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) भारत सूचकांक 2020-21 में केरल ने शीर्ष स्थान बरकरार रखा है, जबकि इसमें बिहार का प्रदर्शन सबसे खराब रहा. एसडीजी में सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय मापदंडों पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की प्रगति का मूल्यांकन किया जाता है.
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