Dengue in Bihar: बिहार में 300 के पार पहुंचे डेंगू के मरीज, इन दो जिलों में सबसे अधिक केस, देखें पूरी रिपोर्ट
Dengue News: अस्पतालों में डेंगू की जांच कराने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है. जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में डेंगू जांच से संबंधित किट उपलब्ध करा दिए गए हैं.
पटना: बिहार में डेंगू के मरीजों की संख्या एक बार फिर बढ़ रही है. बिहार की राजधानी पटना के अलावा भागलपुर में मरीजों की संख्या सबसे अधिक है. अभी बीते चार सितंबर को ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने डेंगू को लेकर उच्चस्तरीय बैठक की थी लेकिन, डेंगू के बढ़ते मामलों को लेकर विधानमंडल में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा (Vijay Kumar Sinha) ने सरकार को घेरा है. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, राज्य में मंगलवार (5 सितंबर) तक डेंगू मरीजों की संख्या 300 को पार कर 325 तक पहुंच चुकी है.
भागलपुर और पटना में कितने मरीज?
भागलपुर में सबसे अधिक 119 डेंगू के मरीज हैं, जबकि पटना में 99 लोग डेंगू पीड़ित हैं. इसके अलावा बेगूसराय, वैशाली, भोजपुर सहित कई अन्य जिलों से भी डेंगू के मरीज सामने आए हैं. राज्य के पीएमसीएच सहित कई अस्पतालों में डेंगू को लेकर विशेष वार्ड बनाए गए हैं. अस्पतालों में डेंगू की जांच कराने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है.
विभाग के मुताबिक, जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में डेंगू जांच से संबंधित किट उपलब्ध करा दिए गए हैं. पटना में नगर निगम का दावा है कि डेंगू पर नियंत्रण के लिए लगातार घर-घर जाकर एंटी लार्वा का छिड़काव और फॉगिंग करवाई जा रही है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिए हैं निर्देश
डेंगू के बढ़ते मामलों को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चार सितंबर को उच्चस्तरीय एक बैठक की, जिसमें अस्पतालों में बेडों की संख्या पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रखने, ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स की उपलब्धता सुनिश्चित कराने तथा सभी जगह डेंगू रोधी दवा का छिड़काव नियमित रूप से कराने के निर्देश दिए हैं.
नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने बोला हमला
वहीं दूसरी तरफ बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने राज्य में तेजी से फैल रहे डेंगू को लेकर कहा है कि समय रहते सरकार के सतर्क नहीं होने के कारण राज्य में डेंगू मरीजों को संख्या बढ़ रही है. विजय सिन्हा ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में डेंगू पीड़ितों की उपचार की व्यवस्था दयनीय है. राजधानी पटना में लोग डेंगू होने पर प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं. बेड का अभाव, दवा की कमी, गंदगी का अंबार और खराब डायग्नोस्टिक मशीन के कारण लोग सरकारी अस्पतालों में जाने से कतरा रहे हैं.