मंत्री जी के विधानसभा क्षेत्र से कोसों दूर है विकास, टेंट में चलता है स्कूल, नाव से सामान लाने जाते हैं लोग
ग्रामीणों ने बताया कि अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधि तक इस गांव में आने से कतराते हैं. बिहार के खाद्य उपभोक्ता संरक्षण आपूर्ति मंत्री मदन सहनी भी गौड़ा बौराम विधानसभा क्षेत्र सिर्फ चुनाव के समय ही दर्शन देने पहुंचते हैं.
दरभंगा: जिले के गौड़ा बौराम विधानसभा क्षेत्र आजादी से पहले के भारत की याद दिलाता है. क्षेत्र विकास से कोसों दूर है. लोग नाव के सहारे सफर है. खासकर सहसराम पंचायत के महादलित बस्ती ब्रहमोतर गांव के लोगों की जिंदगी बदहाल है. बांस पर पोलोथिन की छत बना कर कक्षा 5वीं तक का सरकारी स्कूल चलता है, जिसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए छात्रों को जान जोखिम में डाल कर कमला नदी पार कर मुख्यालय जाना पड़ता है.
मूलभूत सुविधाओं से वंचित है गांव
विधानसभा चुनाव के पहले गौड़ा बौराम क्षेत्र के विधायक और बिहार सरकार में खाद्य उपभोक्ता संरक्षण आपूर्ति मंत्री मदन सहनी विकास के नाम पर भले ही बड़े-बड़े दावे कर रहे हों, लेकिन गौड़ा बौराम विधानसभा क्षेत्र के सहसराम पंचातय के महादलित ब्रहमोतर गांव के वासिंदे आज भी बिजली, सड़क और स्कूल जैसी मूलभूत सुविधाओं के अभाव में जीने को मजबूर हैं.
नाव है एकमात्र सहारा
आजादी के बाद भी गौड़ा बौराम विधानसभा काफी पिछड़ा क्षेत्र है. प्रत्येक वर्ष बाढ़ की विभीषका झेलने से क्षेत्र में ना ही पक्की सड़क है और ना ही कोई मूलभूत सुविधा. सहसराम पंचायत के महादलित बस्ती ब्रहमोतर के यह हालात हैं कि गांव में ना तो बिजली है और ना ही पक्की सड़क गांव के बाकी हिस्सों से खुद को जोड़ने के लिए नाव ही ग्रामीणों का एकमात्र सहारा है.
शाम ढलते ही पूरा गांव हो जाता है अंधेरा
लोगों को आज भी राशन, अस्पताल, थाना, कचहरी के लिए कमला नदी पार करके जाना पड़ता है. नाव की सवारी के लिए या तो गरीब अपनी जेब ढीली करें नहीं तो उफनाती नदी में तैर कर जरूरत का सामान लाने के लिए पार करे. शाम ढलते ही पूरा गांव अंधेरा हो जाता है.
चुनाव में महादलित बस्ती की आती है याद
स्थानीय नेता संजय सिंह उर्फ पप्पू सिंह ने क्षेत्र के विधायक मदन साहनी पर हमला बोलते हुए कहा कि विधायक जी महादलित आबादी वाले गांव के हजारों मतदाता को मतदान का अधिकार तो देते हैं, लेकिन सरकारी योजनाओं से वंचित रखते हैं. इस गांव तक पहुंचने के लिए कमला नदी पार करनी पड़ती है. हर चुनाव में राजनीतिक दलों के नेता और प्रत्याशियों को महादलित टोला गांव की याद आती है. लेकिन चुनाव परिणाम आने के बाद कोई नेता या जनप्रतिनिधि गांव की ओर रूख नहीं करता.
वोट बहिष्कार की तैयारी में जुटे ग्रामीण
वहीं, ग्रामीणों ने बताया कि अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधि तक इस गांव में आने से कतराते हैं. बिहार के खाद्य उपभोक्ता संरक्षण आपूर्ति मंत्री मदन सहनी भी गौड़ा बौराम विधानसभा क्षेत्र सिर्फ चुनाव के समय ही दर्शन देने पहुंचते हैं. महादलित टोला गांव के लोग नदी पर पुल की मांग आजादी के बाद से करते चले आ रहे हैं, लेकिन आज तक उनकी मांग पूरी नहीं हो सकी है. ऐसे में नाराज ग्रामीण वोट बहिष्कार का मन बना चुके हैं.
मंत्री जी ने कही यह बात
वहीं, जब इस संबंध में मंत्री जी से बात करनी चाही तो उन्होंने मिलने से इनकार करते हुए कहा 5 साल आपलोगों को है ये सब नहीं सूझता है जब चुनाव आता है तो ही खोजते हैं हमने क्या विकास किया है? आपको जो चलाना है. चला दीजिए.
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