विधवा आरती की जमीन हड़पने के लिए पति के भाई ने न केवल उसके साथ मारपीट की बल्कि पड़ोसी गांव के तीन बच्चों के पिता को विधवा का प्रेमी करार देते हुए जबरन विधवा के मांग में सिंदूर डलवा दिया. साथ ही गांव वापस आने पर जान से मारने की धमकी दी. जब पीड़ित युवक की माँ ने इस पंचायती विवाह का विरोध किया तो पंचायत के कुछ दबंगो ने धक्का मुक्की की, जिससे वृद्धा की मौत हो गई. इधर, घटना की सूचना फलका पुलिस को दी गई, लेकिन घंटो बाद भी पुलिस मौके पर नहीं पहुंची. फिलहाल यह घटना गांव सहित प्रखंड क्षेत्र में चर्चा का विषय नहीं हुई है.
घटना के संबंध में बरबरिया आदिवासी टोला निवासी पीड़िता आरती देवी ने बताया कि " तीन साल पहले उनके पति कुंजन सोरेन की मृत्यु हो गई थी, उसे एक 9 साल की बेटा भी है. पति की मौत के बाद उसके हिस्से की 6 बीघा जमीन पर वह खेती-बाड़ी किसी तरह गुजारा करती थी. इसी जमीन को हड़पने के मकसद से उसके पति के भाई छोटे लाल सोरेन ने गांव के लोगों को अपने पक्ष में लेकर मुझ पर झूठा आरोप लगाते हुए पंचायत में बांध कर बेरहमी से मेरी पिटाई की और बगल के गांव के सुभाष रमानी को बुलाकर जबरन मेरी शादी करवा दी."
पीड़िता ने बताया कि " शादी के बाद छोटे लाल सोरेन उसे सुभाष के घर छोड़ आया. वहीं पंचायत ने धमकी दी कि गांव आने पर तुम्हें और तुम्हारे बेटे जान से मार दिया जाएगा." इधर इस पूरी घटना के संबंध में पीड़ित सुभाष ने बताया कि वह पहले से शादीशुदा है और आरती से उसका कोई रिश्ता नहीं है.
घटना के संबंध में पुलिस अनुमंडल पदाधिकारी ने बताया कि घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस को कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है. पीड़ित बताए गए परिजनों ने लिख कर दिया है कि वृद्धा साबी देवी की बीमारी के कारण आकस्मिक मौत हुई है. वहीं पंचायत के जबरन विधवा के मांग में सिंदूर डलवाने की घटना का पीड़िता के पक्ष से अभी तक पुलिस को कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ, जिस वजह से मामले में पुलिस ने अबतक कोई कार्रवाई नहीं की है.