DGP गुप्तेश्वर पांडेय ने रिया को दिया मैसेज, कहा- निर्दोष हैं तो सामने आएं, यह भागा-भागी क्यूं?
सुशांत आत्महत्या मामले में डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने एबीपी न्यूज से खास बातचीत में बहुत सी बातें साझा की है. साथ ही मामले की मुख्य अभियुक्त रिया से सामने आने की अपील की है.
पटना: बिहारी मूल के अभिनेता सुशांत सिंह आत्महत्या मामले में जब से बिहार पुलिस की टीम जांच के लिए मुम्बई गई है, मामले से जुड़ी घटनाक्रम पल-पल बदल रही है. ऐसा में रविवार को एबीपी न्यूज संवाददाता प्रकाश कुमार ने बिहार पुलिस के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने मामले से जुड़ी कई बात बताई. वहीं, मामले की मुख्य अभियुक्त रिया को मैसेज दिया है कि "आप निर्दोष हैं तो सामने आएं, बिहार पुलिस आपकी दुश्मन नहीं है."
गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि "मैं चिल्ला-चिल्ला कर देश के मीडिया के सामने कह रहा हूं कि आपकी कोई बिहार पुलिस से दुश्मनी नहीं है. हम आपका सम्मान करते हैं, आपकी चिंता है हमें. हम किसी निर्दोष आदमी को फंसाना नहीं चाहते, लेकिन आप किसी दिन ट्वीट कर सीबीआई जांच की मांग करती हैं और जब आज बिहार पुलिस खोज रही है तो आपको सामने आना चाहिए, जो भी खुद को निर्दोष कहता है, उसे सामने आना चाहिए, ये भागा-भागी क्यों?"
गुप्तेश्वर पांडेय ने बताया कि अभी इस स्टेज में हम कोई जजमेंट नहीं दे सकते हैं और जो हमारे पास जो सूचनाएं आई हैं या साक्ष्य आए हैं, हम उसे मीडिया में शेयर भी नहीं कर सकते हैं. 25 को FIR हुआ और 27 तारीख को टीम मेरी चली गई और उसी दिन से अनुसंधान शुरू हो गया. एयरपोर्ट पर 4 बजे टीम उतरी और 4:45 में सुशांत के आवास पहुंच गई, फ्लेट लॉक होने के कारण बाहर से ही सोसाइटी का मुआयना करते हैं."
उन्होंने बताया कि " इसके बाद टीम वहां से केस में मुख्य अभियुक्त के पास जाते हैं, जहां उनके रहने की सूचना थी. वहां से फिर सुशांत के मित्र जहां से वाइटल इन्फोर्मेशन मिलने की संभावना थी वहां जाते हैं. तो इस तरह से टीम 4 बजे से रात के दस बजे तक अनुसंधान करती है. दूसरे दिन वो डीसीपी बांद्रा से मिलते हैं और उनसे मिलकर आने का कारण बताते हैं, फिर उन्हें FIR की कॉपी सौंपते है. वहां से उनको सलाह मिलती है कि आप डीसीपी डिटेक्शन वन से मिलें. अगले दिन डीसीपी डिटेक्शन के यहां गए जहां चार पांच घंटे इंतजार करने के बाद भी उनसे मुलाकात नहीं होती है, तो टीम वापस आ जाती है. बहुत कोशिश के बाद हमारे सीनियर एसपी ने अपने काउंटर पार्ट से बात की तब जाकर डीसीपी डिटेक्शन से टीम की बात हुई और बहुत ही अच्छे से बात हुई. उन्होंने हर तरह से सहयोग का आश्वासन दिया हैं."
उन्होंने बताया कि " अभी तक वहां से कुछ भी नहीं मिला है. मुंबई पुलिस के पास जो भी मेडिकल एविडेंस है, हमें कुछ भी नहीं मिला है. FSL रिपोर्ट, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी, सीसीटीवी फुटेज, उसके बाद मुंबई पुलिस ने जितने लोगों से पूछताछ की उससे जो सूचनाएं प्राप्त हुई इन सभी चीजों में कुछ भी हमारे पास नहीं है. रिया चक्रवर्ती के बारे में सूचनाएं बहुत है पर हम शेयर नहीं कर सकते हैं."
उन्होंने कहा कि किसी को गिरफ्तार करने का एक प्रोसेस होता है. उसमे ये होता है चूंकि FIR हमारे यहां हुआ जिसे के के सिंह ने किया है, तो जिसने FIR किया उन्होंने 6 लोगों को अभियुक्त बनाया है. तो हम अभी इन 6 लोगों के भूमिका की जांच कर रहे हैं. हम अभी कोशिश कर रहे हैं और अभी तक रिया चक्रवर्ती से हमारे टीम की मुलाकात नहीं हो पाई है.
इस पूरे प्रकरण को वो कैसे देखते हैं इस सवाल पर उन्होंने कहा कि देश की जनता और आप इस प्रकरण को कैसे देख रहे हैं? मीडिया कैसे देख रही है ये बताएं. वहीं मामले की सीबीआई जांच के संबंध में कहा कि हम सीबीआई जांच की बात क्यों करेंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा तो सही कहा है, हम तो यही कहेंगे कि हम इस केस के अनुसंधान में सक्षम हैं. जो वादी है जिसने कंप्लेन किया है अगर वो बोले कि हमें बिहार पुलिस की दक्षता पर या निष्पक्ष जांच का भरोसा नहीं है और इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिये तो हम उनकी बात सरकार तक लेकर जाएंगे, उसके बाद इसमें सरकार निर्णय लेगी.
उन्होंने बताया कि " मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की शोक संवेदना लेकर सबसे पहले सुशांत के घर जाने वाला मैं था, उसके बाद ही और लोगों ने जाना शुरू किया. मैंने केके सिंह से यही बात कही कि मुख्यमंत्री जी इस घटना से बहुत आहत और दुखी हैं. उन्होंने अपनी शोक संवेदना मेरे माध्यम से भेजी है. अभी लॉकडाउन का समय है, वो घर से नहीं आ सकते इसलिए उनकी शोक संवेदना लेकर मैं आपके पास आया हूँ."
गुप्तेश्वर ने कहा कि " इसबात की कोई जानकारी हमें या पूरे देश को नहीं थी कि इस कहानी में इतने ट्वीस्ट आएंगे, ये इतना रहस्यमय होगा. अभी पूरे देश में यह संदेश जा रहा है कि इसमे कुछ गड़बड़ है. तो ये हमारी नैतिक और वैधानिक जिम्मेदारी है और मुंबई पुलिस की भी की सच सामने आए. सभी राज्य के पुलिस भाई-भाई हैं, सभी वर्दी वाले एक हैं तो ये हमारी नैतिक जिम्मेदारी है कि हम मिलजुल कर इस कांड का पर्दाफाश करें और जो जिम्मेदार है उसकी पहचान करें. इसमें हमको सहयोग चाहिए."
उन्होंने मुंबई पुलिस के जांच में चूक के सवाल पर कहा कि "ये मीडिया में बोलने की बात नहीं है कि मुंबई पुलिस से कहां चूक हुई है. हमारा लक्ष्य मुंबई पुलिस नहीं, हमारा एक ही लक्ष्य है कि वो जो हमारा बेटा था जो देश का शान था उसे न्याय मिले. आज पूरे देश की जनता में दुख है संदेह है कि यह केस इतना रहस्यमय क्यों हो गया. हम केवल निष्पक्ष जांच चाहते हैं और उसी कोशिश में लगे हैं."
उन्होंने कहा कि बहुत सारी बातें अब तक सामने आईं हैं और रिया के सामने आने पर और भी बहुत सारी बातें सामने आएगी. इसमें सूचनाएं विभिन्न हैं पर सबका सत्यापन करना होगा और हम बहुत बारीकी से इसका अध्ययन कर रहे हैं पर क्या निकल कर आया वो हम आपसे शेयर नहीं करेंगे. इन्वेस्टिगेशन में FIR में जो आरोप है, उसी आरोप की पुष्टि के लिए सबूत जुटाए जाते हैं और जब उसकी पुष्टि हो जाती है तो उसी सबूत के आधार पर उनकी गिरफ्तारी होती है और उसका प्रोसेस चल रहा है.
गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि "बिहार सरकार ने खुद अपने लॉयर को इंगेज किया है और हमारी तरफ से पेटिशन भी पड़ा है, एक अभियुक्त इस मामले को लेकर सर्वोच्च न्यायालय गए हैं बिहार पुलिस के अनुसंधान को चैलेंज करते हुए इसमे बिहार सरकार से अपना पक्ष रखने का अनुरोध किया गया है सर्वोच्च न्यायालय में. सबसे पहले FIR दर्ज होता है और उस FIR में जो आरोप है उसकी जांच होती है, जांच में सुबूत इकट्ठा किया जाता है फिर उसके आधार पर आरोप की पुष्टि होती है उसके बाद वारंट जारी किया जाता है फिर उस व्यक्ति की गिरफ्तारी होती है उसके बाद उसे न्यायालय में प्रस्तुत किया जाता है."
उन्होंने बताया कि "बैंक जाकर बहुत सारी जानकारियां प्राप्त की गई है. 6 विटनेस के स्टेटमेंट रिकॉर्ड किये गए हैं, जिसमें सुशांत के नौकर, कुक, एक मित्र, डॉक्टर जो इलाज करते थे शामिल हैं. डॉक्टर ने क्या बोला ये हम अभी नहीं बता सकते. हमारी टीम ने हमें ये जानकारी दी है कि मुंबई पुलिस अभी सर्वोच्च न्यायालय के वर्डिक का इंतजार कर रही है और यह मामला दो दिन में सुप्रीम कोर्ट चला जायेगा. दिशा के एंगल पर भी टीम काम कर रही है पर हम जानकारी शेयर नहीं करेंगे."