Dhirendra Shastri News: गोपालगंज के रामनगर में चल रही हनुमंत कथा के चौथे दिन (रविवार, 09 मार्च, 2025) काफी भीड़ देखने को मिली. पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को अचानक बीच में ही कथा स्थगित करनी पड़ी. कहीं लोग बैरिकेडिंग तोड़ घुस गए तो किसी का पैर तक कट गया. कुछ लोगों की तबीयत खराब हो गई. ऐसे लोगों को अस्पताल भेजना पड़ा.


कुछ देर ही चल सकी कथा…


चार बजे के आसपास कथा शुरू हुई. पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि यदि संकल्प दृढ़ हो तो राम जरूर मिलेंगे. भक्ति की शक्ति पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि राम की भक्ति में संकल्प की शक्ति होती है. यदि संकल्प दृढ़ हो तो राम जरूर मिलते हैं. कुछ ही देर कार्यक्रम चलने के बाद मंच से कथावाचक पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने निवेदन करते हुए कथा को स्थगित कर दिया. उन्होंने कहा किसी के साथ अनहोनी ना हो उसके लिए सभी लोग टीवी और मोबाइल फोन के माध्यम से ही कथा सुनें. पंडाल के नजदीक वाले लोग ही कल (सोमवार, 10 मार्च, 2025) पंडाल में आएं. आज की कथा स्थगित की जाती है.



दिव्य दरबार के अगले दिन भीड़ बेकाबू


रामनगर में चल रही हनुमंत कथा को सुनने के लिए दूसरे जिले और अन्य प्रदेश के श्रद्धालु भी रामनगर पहुंचे हैं. दिव्य दरबार के अगले दिन रविवार को पुलिस कर्मियों के लाख रोकने के बावजूद भी भीड़ नियंत्रित नहीं हो सकी. जिसे जिधर से मौका मिला वो पंडाल में घुसता गया. बैरिकेडिंग को भी तोड़कर लोग पंडाल में घुस गए. 


बैरिकेडिंग तोड़कर अंदर घुसने लगे लोग


रविवार को कथा के चौथे दिन पूरे पंडाल में भीड़ का प्रचंड दबाव बना हुआ था. लाखों की संख्या में श्रद्धालु बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर को देखने के लिए इच्छुक थे. भीड़ के अधिक दबाव के कारण लोग बैरिकेडिंग तोड़कर घुस गए. कई लोगों की तबीयत बिगड़ गई जिन्हें एंबुलेंस के माध्यम से अस्पताल पहुंचाया गया. कई लोगों का पैर टीन की बैरिकेडिंग से कट गया जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया.


रो रहे नेपाल के भक्त से मिले धीरेंद्र शास्त्री


दूसरी ओर एक अलग तस्वीर देखने को मिली. रविवार की सुबह जब धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपने निवास स्थान पर दैनिक पूजा-पाठ कर रहे थे तो उन्हें दिखा कि एक अधेड़ उम्र का व्यक्ति हाथ में झोला लिए रो रहा है. जैसे ही धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की नजर उस व्यक्ति पर गई तो तुरंत उन्होंने सेवादारों से कहकर उसे अपने पास बुलाया. बुलाने के बाद ढांढस बंधाते हुए उस व्यक्ति को गले से लगा लिया. परिचय में उस व्यक्ति ने बताया कि वो नेपाल से आया है. धीरेंद्र शास्त्री ने उसे प्रसाद देते हुए आशीर्वाद पट्टिका देकर भक्त का सम्मान किया.


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