बिहार विधानसभा में गूंजी दिनकर की कविता, मंत्री जीवेश मिश्रा ने इस अंदाज में अधिकारियों को माफ करने का किया एलान
मंत्री जीवेश मिश्रा ने गुरुवार को पटना के डीएम और एसएसपी पर उनका अपमान करने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि पटना के डीएम-एसपी की वजह से उनकी गाड़ी को विधानसभा में आने से रोका गया है.
पटना: " क्षमा शोभती उस भुजंग को जिसके पास गरल हो, उसको क्या जो दंतहीन, विषहीन, विनीत, सरल हो." रामधारी सिंह दिनकर की कविता का ये अंश बोलते हुए बीजेपी कोटा के मंत्री जीवेश मिश्रा ने शुक्रवार को उन अधिकारियों को माफ करने का एलान किया, जिन्हें गुरुवार को वे निलंबित कराने पर तुले हुए थे. उन्होंने तो यहां तक कह दिया था कि जब तक दोषी अधिकारियों का निलंबन नहीं होगा, वे सदन में कदम भी नहीं रखेंगे. उनके इस एलान के बाद पूरे दिन बवाल मचा रहा. प्रशासनिक अमला मामले की जांच में जुट गया. कार्रवाई की बात कही गई. हालांकि, देर शाम मंत्री के आवास पर पहुंच कर पटना डीएम और एसएसपी ने उन्हें मना लिया. ऐसे में विधानसभा के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन मंत्री ने अधिकारियों को माफ करने की घोषणा की.
जानें क्या है पूरा मामला
मालूम हो कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के मंत्री जीवेश मिश्रा (Jivesh Mishra) ने गुरुवार को पटना के डीएम और एसएसपी पर उनका अपमान करने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि पटना के डीएम-एसपी की वजह से उनकी गाड़ी को विधानसभा में आने से रोका गया है. मंत्री की मानें तो एक पुलिस वाले ने उनकी गाड़ी रोकी, जिसके बाद सामने से डीएम और एसपी की गाड़ी निकल गई.
कार से उतर कर चिल्लाने लगे मंत्री
इस घटना के बाद वे आग बबूला हो गए थे और अपनी कार से उतर कर जोर-जोर से सबके सामने चिल्लाने लगे थे. उन्होंने वहां मौजूद मीडियाकर्मियों से कहा था कि हम सरकार हैं. एसपी और डीएम की गाड़ी के कारण मंत्री की गाड़ी को रोकना कहां का कानून है? जिस अधिकारी ने गाड़ी रोकी है, जब तक उसका सस्पेंशन नहीं होगा, वे सदन के अंदर नहीं जाएंगे.
गुरुवार को जिस तरह बीजेपी (BJP) कोटा से मंत्री बने जीवेश मिश्रा (Jivesh Mishra) पटना के डीएम और एसएसपी पर भड़के थे, उसके बाद ये तय माना जा रहा था कि बड़ा बवाल होगा. लेकिन दिन भर जारी रहे बवाल के बाद पटना डीएम और एसएसपी दोनों देर रात मंत्री के आवास पहुंचे और उन्हें मना लिया. अधिकारियों के आवास पहुंचने के बाद मंत्री पिघल गए और अपने आरोपों से भी पलट गए.
मंत्री ने पत्रकारों से कही ये बात
घंटों बंद कमरे में मुलाकात के बाद उन्होंने देर रात बाहर आकर कहा कि किसी अधिकारियों के प्रति मेरी नाराजगी न थी, न है. मैंने तो बस जो सम्मान को लेकर मुद्दा है, उसे उठाया है. उम्मीद करता हूं कि किसी प्रकार की कोई नाराजगी आगे होगी भी नहीं. देर रात एसएसपी और डीएम आवास पर क्यों आए के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमने विषय को रख दिया है. दोनों हमारे सरकार के अधिकारी हैं. उन्होंने अगर मिलने की इच्छा जताई, तो हम उनको मना नहीं कर सकते हैं. ये औपचारिक मुलाकात है.
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