पटनाः बिहार में हो रहे उप चुनाव को लेकर आरजेडी (RJD) और कांग्रेस (Congress) में तनातनी जारी है. वजह, आरजेडी तारापुर और कुशेश्वर स्थान से अकेले लड़ रहा है और कांग्रेस नाराज है कि उसे कुशेश्वर स्थान से टिकट मिलना चाहिए था. 30 अक्टूबर को चुनाव होना है, दोनों पार्टियों ने अपना अपना उम्मीदवार भी उतार दिया है लेकिन विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इधर, बिहार के कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास (Bhakt Charan Das) के बयान को आरजेडी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा के सदस्य मनोज झा (Manoj Jha) ने दुर्भाग्यपूर्ण और हास्यास्पद है.


मनोज झा ने भक्त चरण दास को लेकर कहा कि उनको ना तो बिहार के सामाजिक, आर्थिक परिस्थिति की समझ है और ना ही यहां की राजनीतिक इतिहास की समझ है. उन्हें राष्ट्रीय जनता दल की कुर्बानियों की समझ भी नहीं है. जिसको यह पता नहीं हो कि हमने क्या-क्या झेला है, किस प्रकार की प्रताड़नाएं झेलीं, उसके बाद भी टिप्पणी आती है. वे अपने लोगों से पूछें.


आडवाणी के समय लालू यादव ने दी थी गिरफ्तारी


मनोज झा ने कहा कि प्रभारी होने से पहले संभवतः किसी ने बताया भी नहीं होगा कि तेजस्वी यादव एक-एक मीटिंग के लिए क्यों परेशान होते थे. क्या परिस्थितियां थीं कि वो कहते थे कि एक मीटिंग रखी जाए. प्रभार लेने का मतलब यह नहीं है कि आप पार्टी की लुटिया डुबो दें. भक्त चरण दास से कहा कि आपके कई मुख्यमंत्री थे लेकिन गिरफ्तारी आडवाणी जी के समय लालू यादव ने दी थी.


आरजेडी पर टिप्पणी करने से पहले आईना सामने रखें. रही बात गठबंधन धर्म की तो हमसे ज्यादा किसी ने नहीं निभाया. कांग्रेस के साथ सुख-दुख में रहे हैं. अभी किसी प्रकार बीजेपी और जेडीयू को शिकस्त देना है और वह करके दिखाएंगे. प्रभार लेने से पहले और प्रभारी कहलाने से पहले थोड़ी बहुत यहां की समझ रखिए. राजनीत की समझ रखिए. ड्रॉइंग रूम में बैठकर जमीनी हकीकत आप नहीं समझ सकते हैं.  



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