पटनाः बिहार एनडीए में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. नीतीश कैबिनेट में बीजेपी कोटे से पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने एक बयान देकर एनडीए की सरकार पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. औरंगाबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि गठबंधन की सरकार हम चला रहे हैं. ये हमारी स्वतंत्र सरकार नहीं है. गठबंधन के कारण ही बीजेपी को 74 सीटें जीतने के बावजूद 43 सीट वाले नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाना पड़ा है.
बिहार में काम करना हमारे लिए चैलेंजिंगः सम्राट
सम्राट चौधरी ने कहा कि बगल के प्रदेशों में हम स्वतंत्र सरकार चलाते हैं. चाहे वो मध्य प्रदेश हो उत्तर प्रदेश हो या झारखंड में जब हमारी सरकार थी तो हमारा नेतृत्व होता था और हम अपनी चीजों को स्थापित करते थे. स्वाभाविक है जब नेतृत्व आपका होता है तो आपके लिए ये बहुत आसान हो जाता है, लेकिन ये हमलोग के लिए बहुत चैलेंजिंग है बिहार में काम करना. सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार की सरकार में चार पार्टियां शामिल हैं. उन चारों की विचारधारा अलग है. सबकी अलग अलग मांग है. ऐसे में सरकार चलाना औऱ लोगों की भावनाओं का ख्याल रख पाना बेहद मुश्किल है.
दरअसल, ये सारी बातें सामने रख कर सम्राट चौधरी वही मैसेज देना चाह रहे थे जो कुछ दिनों पहले उन्होंने हाजीपुर में बीजेपी की जिला कार्यसमिति की बैठक में दिया था. हाजीपुर जिला बीजेपी की कार्यसमिति की बैठक में सम्राट चौधरी ने कहा था कि जब तक बीजेपी अकेले बहुमत में नहीं आती तब तक बिहार में बहुत सुधार करना संभव नहीं है. सम्राट चौधरी ने कहा था कि बीजेपी कार्यकर्ताओं को कोशिश करनी चाहिए कि पार्टी 2025 में अकेले बहुमत में आए.
‘सरकार की योजनाओं को लोगों तक पहुंचाएं’
सम्राट चौधरी ने कहा कि 2017 में गठबंधन करना पड़ा और गठबंधन के नेतृत्व में आज नीतीश कुमार 43 सीट जीतकर आए तो भी हमने मुख्यमंत्री माना. देखा जाए तो ये नई बात नहीं है. साल 2000 में नीतीश कुमार 37 सीट जीतकर आए थे और उस समय भी बीजेपी 68 से 69 सीट जीतकर आई थी तब भी उन्हें ही मुख्यमंत्री माना. उन्होंने युवा मोर्चा के साथियों से निवेदन करते हुए कहा कि सरकार की तीन चार बड़े योजनाएं चल रही हैं इसको लोगों तक पहुंचाने का काम करें.
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