केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का विवादित बयान, अधिकारी नहीं सुने बात तो बांस से करें पिटाई
गिरिराज सिंह ने कहा कि लोग शिकायत करते हैं कि अधिकारी बात नहीं सुनते हैं. जब भी क्षेत्र में आता हूं, लोग छोटे-छोटे पुर्जों में शिकायत लिख कर बढ़ा देते हैं. ऐसे में मेरी सलाह है कि वो अधिकारियों से काम करवाएं. अधिकारी उनके अधीन हैं.
बेगूसराय: बीजेपी के फायर ब्रांड नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह विवादित बयानों के लिए जाने जाते हैं. विवादित बयानों की वजह से वो अक्सर सुर्खियों में रहते हैं. इसी क्रम में उनका एक और विवादित बयान सामने आया है. शनिवार को बिहार के बेगूसराय में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बीजेपी नेता ने जनता को सलाह दी कि अधिकारी और नेता उनकी सेवा के लिए हैं. अधिकारी अगर उनकी बात नहीं सुनते हैं, तो वे बांस से खुलेआम उनकी पिटाई करें.
छोटे-छोटे पुर्जों में शिकायत लिख कर बढ़ा देते लोग
उन्होंने कार्यक्रम के दौरान कहा कि लोग शिकायत करते हैं कि अधिकारी उनकी बात नहीं सुनते हैं. जब भी क्षेत्र में आता हूं, लोग छोटे-छोटे पुर्जों में शिकायत लिख कर बढ़ा देते हैं. ऐसे में मेरी सलाह है कि वो अधिकारियों से काम करवाएं. अधिकारी उनके अधीन हैं. गिरिराज ने कहा कि जनता मालिक है. आपके अधिकार का हनन होगा, तो मैं बर्दाश्त नहीं करूंगा. मैं आपके साथ हूँ. मनोबल ऊंचा रखिये. मैं ये नहीं सुनना चाहता कि अधिकारी बात नहीं सुनते.
एक तरफ @NitishKumar जी युवाओं से कहते हैं कि सरकार या अधिकारी का विरोध करोगे, धरने पर बैठोगे या सोशल मीडिया पर लिखोगे तो जेल भेज देंगे, नौकरी नहीं लेने देंगे!
दूसरी तरफ सनकी गिरिराज सिंह कहते हैं अधिकारियों को बाँस उठाकर मारो! यह सरकार चल रही है या #महाजंगलराज चल रहा है? — Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) March 6, 2021
आरजे़डी नेता ने ट्वीट कर कही ये बात
अब गिरिराज सिंह के इस बयान पर विवाद शुरू हो गया है. आरजेडी ने बीजेपी नेता के इस बयान के बहाने सीएम नीतीश और बिहार सरकार पर निशाना साधा है. पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा कि एक तरफ नीतीश कुमार जी युवाओं से कहते हैं कि सरकार या अधिकारी का विरोध करोगे, धरने पर बैठोगे या सोशल मीडिया पर लिखोगे तो जेल भेज देंगे, नौकरी नहीं लेने देंगे. दूसरी तरफ सनकी गिरिराज सिंह कहते हैं अधिकारियों को बांस उठाकर मारो. यह सरकार चल रही है या महाजंगलराज चल रहा है?
गौरतलब है कि अधिकारियों के दुर्व्यवहार का दायरा केवल आम जनता तक ही सीमित नहीं है. माननीयों ने भी अधिकारियों पर दुर्व्यहार का आरोप लगाया है. बजट सत्र की कार्यवाही के दौरान विधानसभा में विपक्ष ने बड़े जोरदार तरीके से आईपीएस-आईएएस के दुर्व्यवहार का मुद्दा उठाया था. इस मुद्दे पर सदन में खूब हंगामा हुआ था. ऐसे में विपक्ष की शिकायत के बाद बिहार सरकार ने अधिकारियों पर नकेल कसने के लिए बड़ा एक्शन लिया है.
बिहार सरकार के संसदीय कार्य विभाग ने एक अधिसूचना जारी की है, जिसमें साफ तौर पर ये कहा गया है कि अधिकारी जनप्रतिनिधियों के साथ इज्जत से पेश आएं और उनके साथ उचित व्यवहार करें. इस बाबत उन्हें प्रोटोकॉल की पूरी लिस्ट सौंपी गई है.
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