बाढ़ प्रभावित जिलों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे जिलाधिकारी, बिहार सरकार उपलब्ध कराएगी हेलीकॉप्टर
मुख्यमंत्री ने कहा, " हमने शुरू से ही कहा है कि सरकार के खजाने पर पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है. यह जरूरी है कि समय पर लोगों को सहायता उपलब्ध हो, इसके लिए संवेदनशीलता के साथ काम करें."
पटना: बिहार के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का मंगलवार को हवाई सर्वेक्षण करने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आपदा प्रबंधन विभाग और जल संसाधन विभाग के साथ की समीक्षा बैठक की. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित बैठक में पश्चिम चम्पारण, पूर्वी चम्पारण, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी और शिवहर जिले के जिलाधिकारी भी जुड़े रहे.
बैठक में जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस ने हवाई सर्वेक्षण के दौरान जिलावार प्रखंडों, नदियों की स्थिति की जानकारी दी. वहीं, बाढ़ प्रभावित जिलों के जिलाधिकारी ने भी जिले में बाढ़ की मौजूदा स्थिति और इससे बचाव को लेकर जिले में किए जा रहे कामों के बारे में जानकारी दी. आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने भी आपदा राहत कार्यों के संबंध में जानकारी दी.
जून में पहले कभी इतनी बारिश नहीं हुई
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि जून में पहले कभी इतनी बारिश नहीं हुई थी. इस बार अधिक बारिश के कारण कई जिलों में बाढ़ की स्थिति बनी. हवाई सर्वेक्षण के दौरान वस्तु स्थिति की जानकारी मिली. कई जगहों पर पानी का फैलाव है. खेतों में भी पानी फैल चुका है.
मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि जिलाधिकारियों को हवाई सर्वेक्षण के लिए हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराएं. जिलाधिकारी अपने-अपने जिलों की वास्तविक स्थिति की जानकारी लें और उसके आधार पर आकलन करें. हवाई सर्वेक्षण के दौरान कृषि विभाग एवं आपदा प्रबंधन विभाग के भी अधिकारी मौजूद रहें. लोगों के रिलिफ के लिए हम सबको काम करना है, उन्हें हर प्रकार से मदद करनी है.
समय पर लोगों को सहायता उपलब्ध हो
मुख्यमंत्री ने कहा, " हमने शुरू से ही कहा है कि सरकार के खजाने पर पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है. यह जरूरी है कि समय पर लोगों को सहायता उपलब्ध हो, इसके लिए संवेदनशीलता के साथ काम करें. एक-एक चीज का सही से आकलन होगा तो रिलिफ वर्क और बेहतर ढंग से हो सकेगा. किसानों को कृषि कार्य में काफी नुकसान हुआ है, इसका ठीक से आकलन करें ताकि उन्हें सहायता पहुंचाई जा सके."
नीतीश कुमार ने कहा कि जो राहत कैंप बनाए गए हैं, वहां पर कोरोना जांच और टीकाकरण काम जरूर कराएं. जो कोरोना पॉजिटिव पाए जाते हैं, उनके रहने और देखभाल की अलग से व्यवस्था कराएं. अभी कोरोना का दौर भी है और बाढ़ की स्थिति भी है. इसको ध्यान में रखते हुए बचाव और राहत कार्य योजनाबद्ध ढंग से करें और आगे के लिए भी पूरी तैयारी रखें.
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