पटना: नौबतपुर के तरेत पाली में आयोजित बाबा बागेश्वर (Baba Bageshwar) की हनुमंत कथा के तीसरे दिन दिव्य दरबार (Divya Darbar) का आयोजन हुआ. इसमें धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) ने भीड़ से लोगों को बुलाया और उनका पर्चा खोला. इस दौरान भीड़ से रांची (झारखंड) की एक महिला को बाबा ने बुलाया और उसके बारे में जब बताने लगे तो मंच पर महिला रोने भी लगी.


महिला ने मंच से माइक पर कहा कि वह रांची झारखंड से आई है. महिला ने बिना माइक का प्रश्न किया. इस पर बाबा ने कहा कि हमने पूरा ब्यौरा लिख लिया है. अब प्रश्न पूछिए. महिला की समस्या सुनने के बाद बाबा बागेश्वर ने कहा कि हम बताएं अब. रोइए मत. बहुत गंभीरता से सुनिए. गलत बोलेंगे तो आप टोक दीजिएगा. माइक ले सकती हैं. पर्चा में कोई ऐसी बात नहीं लिखी है.


बाबा ने पर्चा में क्या लिखा?


धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने महिला से कहा कि घर में कलेश बना है. बहुत परेशान हैं. पति की फोटो लेकर आई हैं (महिला फोटो लेकर पहुंची थी). उनको (महिला के पति) शरीर में दिक्कत है. पागलों जैसे करते हैं. शरीर में सुन्नपन भी बना है. बीच-बीच में आराम लगता है. बहुत ज्यादा उत्पात मचाते हैं.


बाबा ने महिला से आगे कहा कि ऐसा पर्चा में लिखा है कि शादी के तुरंत बाद समस्या हुई है. पहले बस मंदबुद्धि थी. दिमाग कम काम करता था. हां या ना. इस पर महिला ने बाबा को हां में जवाब दिया. इसके बाद बाबा ने दूसरे नंबर की बात जो आप पूछने आईं हैं. टोटका का प्रयोग किया गया वह बात सत्य है. स्त्री द्वारा करवाया गया है. दवा काम करेगी पूर्ण ठीक हो जाएंगे. आशीर्वाद. इसके बाद बाबा ने पर्चा देकर महिला से कहा कि अब इसे पढ़ लीजिए. 


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