Bihar Diwali 2022: पटना में दीपावली की धूम, इस तरह करें मां लक्ष्मी को प्रसन्न, कभी नहीं होगी धन की कमी
Diwali Pujan 2022: पटना के प्रसिद्ध पंडित रविंद्र नाथ ने दिवाली में पूजन विधि को लेकर कई सारी जानकारियां दी हैं. साथ ही माता का पूजन किस तरह से करने से धन संपत्ति में बरकत होती है ये भी बताया है.
पटना: राजधानी पटना समेत देश भर में दिवाली (Diwali 2022) का महोत्सव मनाया जा रहा. दीपावली के त्योहार को लेकर पटना की सड़कों पर काफी रौनक है. सड़क पूरी तरह सज-धज गईं हैं. लोग दिवाली पूजन (Diwali Puja Muhurat) और त्योहार मनाने की चीजें खरीद रहे. आज मां लक्ष्मी और गणेश की पूजा करने से मनुष्य को धन धान्य की कमी नहीं रहती. मां लक्ष्मी को खुश रखने और घर में धन की कमी न हो इसे लेकर उनकी पूजा विशेष रूप से करनी चाहिए. इस बारे में जानकारी देते हुए सोमवार को पटना के प्रसिद्ध पंडित रविंद्र नाथ तिवारी ने कई बातें कहीं हैं. उन्होंने बताया कि किस तरीके से माता की पूजा करें कि घर में कभी धन की कमी न हो.
शुद्ध सात्विक विचार रखकर करें पूजा
पंडित रविंद्र नाथ तिवारी ने कहा कि आज के दिन शुद्ध सात्विक विचार रखकर माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए. लक्ष्मी माता को प्रसन्न करने वाले पुष्प, भोग एवं सामग्री रखकर माता को खुश करना चाहिए. पंडित रविंद्र नाथ तिवारी बताते हैं कि आज के दिन माता लक्ष्मी को चंपा के फूल की हार पहनानी चाहिए. देवी भागवत पुराण के अनुसार चंपा के फूल के पौधे को मां लक्ष्मी ने ही लगाया था. कहा जाता है कि चंपा का फूल मां लक्ष्मी को बहुत ज्यादा पसंद है.
चंपा के पुष्प का हार पहनाने से माता होती प्रसन्न
चंपा के पुष्प का हार माता लक्ष्मी को पहनाने से माता बहुत प्रसन्न होती हैं. ऐसा करने वाले पुरुष और महिला को कभी धन की कमी नहीं होती. चंपा के पौधे के डंठल से बने माला से मां लक्ष्मी का कम से कम 108 बार जाप करना चाहिए. जाप करने के लिए सर्वोत्तम मंत्र “ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे:” है.
देवी भागवत पुराण के अनुसार ऐं मां काली का शब्द है, ह्रीं मां लक्ष्मी का शब्द है, क्लीं मां सरस्वती का शब्द है. इस मंत्र के जाप करने में तीनों देवियों का स्मरण होता है. मां लक्ष्मी इस मंत्र के जाप से ज्यादा प्रसन्न होती हैं. माता लक्ष्मी की पूजा में माता के आसन के पास कमल का फूल अवश्य रखें क्योंकि माता का आसन कमल के फूल पर ही होता है. इससे भी माता बहुत प्रसन्न होती हैं.
कमलगट्टा के माला से भी जाप करना जरूरी
कमल के फूल से निकलने वाले कमलगट्टा के माला से भी जाप किया जाता. ये जाप करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. मां लक्ष्मी के हवन में कमलगट्टा के बीज का हवन अवश्य करना चाहिए.
जानें मां लक्ष्मी के पूजन में क्या भोग चढ़ाना चाहिए?
माता लक्ष्मी और गणेश की पूजा में मिठाई के लिए बूंदी का लड्डू और फल में अनार चढ़ाना चाहिए. ये दोनों माता लक्ष्मी और गणेश दोनों को अति प्रिय है. बूंदी लड्डू अवश्य चढ़ाएं क्योंकि शास्त्रों के अनुसार कहा जाता है कि बूंदी के लड्डू की गोलाई में जितने भी गोल गोल दाने रहते हैं उतने देवताओं का निवास लड्डू में रहता है. तभी बूंदी लड्डू मां लक्ष्मी और गणेश जी के प्रसाद के लिए अति आवश्यक है. इस प्रसाद का भोग लगाने से मां लक्ष्मी और गणेश दोनों प्रसन्न होते हैं जिससे धन के साथ-साथ मनुष्य को बुद्धि मिलती है.
मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए इस सामग्री से करें पूजा
आज के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने के लिए फल फूल नवेद कुमकुम अक्षत के अलावा यथा संभव सोने की मुद्रा ( सोने की मुद्रा नहीं हो तो चांदी का सिक्का है या कोई भी सिक्का ) कौड़ी, हल्दी ,धनिया, कमलगट्टा, लाल भोजपत्र, कपूर, अगर, तगड़, लॉन्ग, इलायची, सुपारी और दूर्वा ( दुभि ) से माता की पूजा करें.
दूसरे दिन पूजा की गईं इन सभी चीजों को लाल कपड़े में बांधकर उसे अपने खजाने में अवश्य रख दे. इससे माता लक्ष्मी हर दिन प्रसन्न रहेंगी. कभी भी धन की कमी नहीं होगी. देवी भागवत पुराण के अनुसार माता लक्ष्मी की कांति सोने के समान है. उनकी तेज आभा सोने के समान हैं. इसलिए माता लक्ष्मी को स्वर्ण मुद्रा चढ़ाने से माता बहुत प्रसन्न होती हैं.
जानें क्यों होती है मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की एक साथ पूजा?
पंडित रविंद्र नाथ तिवारी बताते हैं कि देवी भागवत पुराण के अनुसार राक्षस अंधकासुर ने घोर तपस्या कर मां लक्ष्मी को खुश किया. मां लक्ष्मी को पाताल लोक ले जाने का वरदान लिया. इसके बाद मां लक्ष्मी अंधकासुर के साथ चली गई. लक्ष्मी को लाने के लिए भगवान गणेश ने अपनी तरकीब निकाली और लक्ष्मी की बड़ी बहन दरिद्र को झांसे में लेकर पाताल लोक ले गए.
वहां अंधकासुर की गद्दी पर दरिद्र को बिठाया और मां लक्ष्मी को साथ में लेकर आ गए. इसलिए भगवान शंकर ने कहा कि जो भी मनुष्य मां लक्ष्मी की पूजा करेगा तो साथ-साथ भगवान गणेश की भी पूजा करना अति आवश्यक है. दोनों को एक साथ पूजा करने से धन के साथ-साथ धन को रखने की बुद्धि भी उत्पन्न होगी.
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