Diwali 2022: बिहार के सोनपुर में अयोध्या का नजारा, दीपोत्सव के कार्यक्रम से जगमगाया शहर, नदी तट पर जले 1 लाख 51 हजार दीए
Sonpur Diwali Celebrations: सोनपुर के फूल घाट पर छोटी दिवाली के मौके पर दीयों का कार्यक्रम रखा गया. इस दौरान पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय भी मौजूद रहे.
सोनपुर: बिहार के सोनपुर में अयोध्या के तर्ज पर छोटी दिवाली (Diwali 2022) के मौके पर भव्य दीपोत्सव कार्यक्रम का आयोजन हुआ. इस दौरान नदी के तटबंध पर एक साथ एक लाख 51 हजार दीए जलाए गए. नदी किनारे एक किलोमीटर की दूरी में दीयों को रंगोली की तरह सजा दिया गया. साथ ही जय श्री राम के नारों से पूरा सोनपुर गूंज उठा. इस दौरान वहां बिहार के पूर्व डीजीपी सह कथावचक गुप्तेश्वर पांडेय (Gupteshwar Pandey) मौजूद रहे. उन्होंने कार्यक्रम की जमकर तारीफ की.
फूल घाट से लेकर एक किलोमीटर दूर तक दीपोत्सव
सोनपुर के फूल घाट से लेकर एक किलोमीटर दूर तक हरिहर नाथ मंदिर के पास कालीघाट तक दीए की रंगोली सजाई गई. हजारों हजार की संख्या में इस ऐतिहासिक क्षण का नजारा देखने के लिए लोग पहुंच गए. सोनपुर हरिहर नाथ मंदिर के आसपास का पूरा इलाका जय श्री राम के नारों से गूंज उठा. नदी के बीच राम लक्ष्मण और सीता का रूप धारण किए हुए लोग नाव पर सवार होकर नदी में घूमते नजर आए.
लाखों की संख्या में जले दीपक
लाखों लाख संख्या में एक साथ जल रहे दीपक के उद्घाटन का जायजा लेने गुप्तेश्वर पांडे पहुंचे. उन्होंने नाव पर सवार होकर 1 किलोमीटर की दूरी में जल रहे दीपक का जायजा लिया. बताया गया कि हरिया नाथ मंदिर समिति और स्थानीय लोगों के सहयोग से लाखों की संख्या में नदी किनारे एक किलोमीटर दूर तक दीपक की रंगोली सजाई गई. इसमें एक लाख 51 हजार दीपक जलाए गए. जो आसपास के इलाके से चंदा करके जुटाई गई थी.
अयोध्या के बाद सोनपुर में ऐतिहासिक दीपक उत्सव कार्यक्रम
इधर, कार्यक्रम में पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय अपने कई संतों के साथ पहुंचे. गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि गंगा और नारायणी के तट पर डेढ़ लाख की संख्या में दीपक जलाई गई है. ये बेहद अनोखी तस्वीर और खुशी के क्षण का तस्वीर है.
अयोध्या के बाद सोनपुर की धरती पर ऐतिहासिक दीपक उत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया जो यहां के मंदिर के समिति और स्थानीय लोगों के सहयोग से सफल हुआ है. हर साल इस कार्यक्रम को किया जाएगा. दीपक की संख्या बढ़ाई जाएगी. बाबा हरिहर नाथ और भगवान विष्णु की धरती पर दीप प्रज्वलित कर यहां के लोगों ने इतिहास रचने का काम किया है.
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