सीतामढ़ी: जिला प्रशासन ने 13 कर्मियों को सरकारी आवास को खाली करने का आदेश दिया. उक्त कर्मी वर्षों से अवैध रूप से सरकारी आवास का उपयोग कर रहे थे और प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी थी. हद तो यह कि कल तक किसी ने यह जानने की कोशिश भी नहीं की थी कि सरकारी आवासों में कौन कर्मी कितने वर्षों से रह रहे हैं? और वे आवास का किराया देते है अथवा नहीं?


डीएम ने सख्ती से आवास खाली कराने का निर्देश


डीएम के आदेश पर जांच में उजागर हुआ है कि उक्त 13 कर्मी बिना किसी अधिकारी के आदेश के मजे से सरकारी आवास का उपयोग कर रहे थे. जांच रिपोर्ट को गंभीरता से लेकर डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा ने कर्मियों को आवास खाली करने का आदेश दिया है. डीएम की अचानक सखती से कर्मियों की बेचैनी बढ़ गई है और वे निजी आवास की खोज में लग गए हैं.


इन्हें मिला है आवास खाली का आदेश


जिला सामान्य प्रशाखा के प्रभारी पदाधिकारी ने जिन 13 कर्मियों को 48 घंटे के अंदर आवास खाली कर सूचना देने को कहा है, उनमें स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण के स्थानांतरित कार्यपालक अभियंता हरेंद्र उपाध्याय, सेवानिवृत्त लिपिक मनोज कुमार वर्मा, जिला गोपनीय के संविदा लिपिक विष्णु कुमार ठाकुर, रिटायर कर्मी कमला नंद उपाध्याय, अनुमंडल सदर के संविदा कर्मी गोपाल चंद्र राव, जिला राजस्व के संविदा कर्मी योगेश कुमार श्रीवास्तव, परसौनी प्रखंड कार्यालय के संविदा लिपिक रविन्द्र वर्मा, जिला अभिलेखागार के कार्यालय परिचारी महेंद्र राय, रिटायर कार्यालय परिचारी पांचू पासवान, लिपिक संजय मेहता, व्यवहार न्यायालय के लिपिक सुधीर कुमार, डुमरा थाना के जमदार कासिम राय व सोनबरसा थाना के सिपाही अर्जुन राय शामिल है. सूत्रों ने बताया कि इनमें से कई कर्मी एक - दो माह नहीं, बल्कि वर्षों से अवैध रूप से सरकारी आवास में रह रहे थे.


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