बेतिया: कोरोना काल में आम लोगों को अस्पताल में बेड नहीं मिलना साधारण बात हो गई है. लेकिन डॉक्टर जो दिन रात मरीजों की सेवा में लगा हो, उसे उसी अस्पताल जहां वो ड्यूटी कर रहा हो, वहां भर्ती न लेना चौंकाने वाली बात है. मामला पश्चिमी चंपारण के नरकटियागंज अनुमंडल क्षेत्र के अनुमंडलीय अस्पताल का है, जहां ड्यूटी के दौरान बीमार होने के बाद भर्ती होने के लिए गए डॉक्टर राजीव कुमार पांडेय को अस्पताल में भर्ती नहीं लिया गया.
पत्नी ने कही ये बात
अस्पताल की कुव्यवस्था का शिकार हुए डॉक्टर राजीव कुमार पांडेय की पत्नी ने अनामिका ने कहा कि तबीयत बिगड़ने के बाद वो और उसके ससुर राजीव को एम्बुलेंस से लेकर अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचे. लेकिन अस्पताल में उन्हें पूछने वाला कोई नहीं था. वे राजीव को लेकर इधर-उधर भटकते रहे. अनामिका ने बताया कि अस्पताल के चिकित्सा प्रभारी का मोबाइल भी बंद है.
डॉक्टर ही डॉक्टर की नहीं कर रहे मदद
डॉक्टर की पत्नी ने कहा, " जिस अस्पताल में मेरे पति ने ओवरटाइम किया, लोगों की सेवा की, वो आज खुद कोविड जांच और इलाज के लिए भटक रहे हैं. कोई सुनने वाला नहीं हैं." वहीं, राजीव के पिता तरुण चौबे ने कहा कि राजीव पिछले चार-पांच दिन से बीमार है, उसकी कोविड जांच तक नहीं की जा रही है. कई लोगों से बोला कि ये डॉक्टर हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है. एक डॉक्टर दूसरे डॉक्टर की मदद नहीं कर रहे हैं.
बता दें कि डॉ.राजीव अनुमंडलीय अस्पताल में पदस्थापित हैं और उनकी ड्यूटी आइसोलेशन वार्ड में लगाई गई थी. लेकिन 4 मई को तबीयत खराब होने पर कोविड जांच कराया गया, जिसमें वे पॉजिटिव पाए गए. सोमवार को गैस की शिकायत होने पर परिजन उन्हें अस्प्ताल लेकर पहुंचे, जहां परिजनों ने पहले कोविड जांच करने की बात की. लेकिन घंटों तक परिजन भटकते रहे. इधर, जब मीडियाकर्मी अस्तपाल पहुंचे तब कोरोना जांच किया गया, जिसमें रिपोर्ट नेगेटिव आई. राजीव फिलहाल होम क्वारंटाइन में हैं. उनका घर पर इलाज किया जा रहा है. स्थिति सामान्य है.
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