Dr Rajendra Prasad Jayanti: जानिए देश के प्रथम राष्ट्रपति की जन्मस्थली का हाल, CM नीतीश के वो वादे जो आज भी अधूरे
Siwan News: देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद की जन्मस्थली जीरादेई में आज भी मूलभूत सुविधा का अभाव है. पर्यटन स्थल का दर्जा प्राप्त होने पर भी नजारा कुछ और है.
सीवान: देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद (Dr Rajendra Prasad Jayanti) की आज तीन दिसंबर को 138 वीं जयंती मनाई जा रही. 1947 में देश आज़ाद होने के भी ऐसा लगता है कि देश के पहले राष्ट्रपति की जन्मस्थली जीरादेई आज भी कैद में है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से लेकर बड़े-बड़े मंत्री सीवान के जीरादेई स्थित बाबू के आवास पर पहुंचते हैं और उनके जन्मदिवस पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं. साथ ही उस वादे को भूल जाते हैं कि आज भले ही जीरादेई को पर्यटन स्थल का दर्जा प्राप्त हो गया, लेकिन जिस तरह से इसे विकसित होना चाहिए था वो आज भी नहीं है.
इसका मलाल वहां के स्थानीय लोगों को आज भी है. समाजसेवी कृष्ण कुमार सिंह का कहना है कि जब महात्मा गांधी का पोरबंदर, जवाहर लाल नेहरू का इलाहाबाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल के गुजरात को काफी ज्यादा विकसित किया गया. लेकिन क्या कारण है कि आज देश के प्रथम राष्ट्रपति का गांव अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है.
देशरत्न के गांव मे नहीं है मूलभूत सुविधा
देशरत्न की जन्मभूमि जीरादेई को भले ही पुरातत्व विभाग ने अपने अधीन ले लिया है. जीरादेई को पर्यटक स्थल का दर्जा मिल चुका है, लेकिन सुविधा के नाम पर ज़ीरो व्यवस्था है. सबसे बड़ी बात है कि अगर बाहर से कोई पर्यटक देशरत्न के आवास पर पहुंचते हैं, लेकिन जीरादेई आने के बाद उन्हें लगता है कि हम कहां आ गए हैं. जब रात होती है तो चारों तरफ सिर्फ और सिर्फ अंधेरा छा जाता है. मूलभूत सुविधा से बिल्कुल वंचित है बाबू का आवास. यहां किसी तरह की अतिथिशाला, शौचालय, स्नातक कॉलेज, बालिकाओं को शिक्षा प्रदान करने के लिए कोई कॉलेज नहीं है. कुछ वर्ष पहले बिहार सरकार की तरफ से बिहार स्टेट की बसें चला करती थी, लेकिन आज यह सब कुछ खत्म हो गया है. बड़ी बात तो यह है कि बाहर से कोई पर्यटक बाबू के आवास घूमने के लिए पहुंचते हैं तो वहां कोई पर्यटकों को गाइड करने वाला भी नहीं है. जाने के बाद पता भी नहीं चलेगा कि आप भारत के पहले राष्ट्रपति के गांव या उनके आवास पर पहुंचे हैं.
तीन दिसंबर सीवान की स्थापना
देश के प्रथम राष्ट्रपति सीवान के जीरादेई में डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद की जयंती मनाई गई. तीन दिसंबर को ही सिवान की स्थापना की गई थी. इस मौके पर पर प्रशासन ने कई बड़े-बड़े कार्यक्रम रखे हैं. जीरादेई में सुबह नौ बजे बिहार के मंत्री आलोक मेहता व बिहार विधान सभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी भी पहुंचे हैं. उनके साथ जिले व बिहार के बड़े-बड़े नेताओं ने भी राजेंद्र प्रसाद प्रतिमा पर माल्यार्पण किया.
देशरत्न के पोते ने कुछ महीने पूर्व जमीन किया था दान
कुछ समय पहले डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद के पोते बाला जी मौर्य अपने गांव जीरादेई पहंचे थे. इसे विकसित करने के उदेश्य से पांच से छह कठ्ठा जमीन राज्यपाल के नाम डोनेट किया है. हालांकि उनके परिवार के लोगों को आज भी उम्मीद रहती है कि आने वाले किसी भी सरकार की तो आंखें जरूर खुलेंगी जो बाबू की जीरादेई गांव व उनके आवास को विकसित करने का काम करेगी.
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