पटना: जनसंख्या नियंत्रण पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से दिए गए बयान के बाद अब सियासत शुरू है. मंगलवार को बीजेपी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने कहा कि बिहार सरकार को ‘एक बच्चे के मानदंड’ का पालन करना चाहिए जिसपर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विचार कर रहे हैं. शिक्षा और जागरूकता को साथ-साथ चलाया जा सकता है. संजय जायसवाल ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण पर राष्ट्रीय कानून की आवश्यकता नहीं है क्योंकि 24 राज्यों ने पहले ही जनसंख्या स्थिरीकरण हासिल कर लिया है. बिहार और यूपी जैसे राज्यों को प्रभावी और व्यावहारिक कानून की जरूरत है.


दो से अधिक बच्चों वाले उम्मीदवारों पर प्रतिबंध लगाने का विचार


इस बीच, भाजपा विधायक और बिहार के पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा है कि बिहार सरकार आगामी पंचायत चुनावों के लिए दो से अधिक बच्चों वाले उम्मीदवारों पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है. उन्होंने कहा कि हमारे पास पहले से ही नागरिक निकायों के लिए ऐसे नियम हैं. इसे पंचायती राज में लागू करने की आवश्यकता है. अब अगर लागू भी कर दिया गया तो उसके लिए 2026 तक का इंतजार करना पड़ेगा. इस चुनाव में यह लागू नहीं हो सकता.


इसके पहले डिप्टी सीएम रेणु देवी नीतीश कुमार के बयान पर असहमति जताई थी हालांकि बाद में उन्होंने एक बयान देकर यू टर्न ले लिया था. वहीं गिरिराज सिंह ने जनसंख्या नियंत्रण पर नीतीश कुमार के ‘चीन मॉडल’ को नकार दिया था. गिरिराज सिंह ने जनसंख्या नीति को देश की जरूरत बताते हुए कहा था कि जाति, धर्म, जात-पात राजनीति का मुद्दा नहीं है.


जनसंख्या नियंत्रण पर नीतीश कुमार ने कही थी यह बात


मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए अगर सिर्फ कानून बनाकर उसका उपाय करेंगे तो यह संभव नहीं है. चीन का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां भी एक से दो बच्चों को लेकर निर्णय लिया गया, अब देखिए वहां क्या हो रहा है. कहा कि सबसे बड़ी चीज है कि महिलाएं जब पूरी तौर पर शिक्षित और जागरूक होंगी तो अपने आप प्रजनन दर घट जाएगा.


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