(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
कोरोना संकट में शादी टलने के डर से घर से भागे युवक-युवती, फिर इस तरह लिए सात फेरे
युवक-युवती ने विचार किया कि अगर लॉकडाउन लग गया तो फिर इस साल शादी नहीं हो पाएगी. यह सोच कर दोनों ने जनवरी में ही शादी करने का मन बना लिया. फिर देर रात घर से फरार हो गए.
बेतिया: 'संपूर्ण लॉकडाउन' ये एक ऐसा शब्द है, जिससे सबकी कड़वी यादें जुड़ी हैं. कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने लिए लागू की गई पाबंदियों ने सबकी परेशानी बढ़ा दी थी. ऐसे में अब लॉकडाउन की चर्चा मात्र से ही लोगों के कान खड़े हो जाते हैं. हालांकि, बिहार के पश्चिम चंपारण में युवक और युवकी के अंदर लॉकडाउन का ऐसा खौफ समाया कि वे शादी करने के लिए घर से भाग गए. ताकि उनकी शादी टाली ना जाए. इधर, परिजनों को जब उनकी मंशा का पता चला तो उन्होंने बिना बैंड बाजा और लगन के खरमास में ही दोनों की शादी करा दी.
मई में होने वाली थी शादी
पूरा मामला पश्चिम चंपारण जिले के बेतिया का है, जहां अचानक शादी के गीतों की गूंज ने सबको चौंका दिया. बताया जा रहा है कि बैरिया पंचायत निवासी वीरा मुखिया के बेटे विकास कुमार की शादी पूर्वी चंपारण जिले के रामगढ़वा के अधकपरिया गांव निवासी विश्वनाथ मुखिया की बेटी पूजा कुमारी के साथ तय हुई थी. शादी के लिए 11 मई का दिन तय किया गया था. दोनों के बीच अक्सर फोन पर बातचीत होती थी.
लॉकडाउन के डर से किया ये काम
इसी बीच कोरोना की तीसरी लहर ने देश भर में दस्तक दे दिया. पाबंदियों को लागू करने का दौर शुरू हुआ. ऐसे में दोनों ने विचार किया कि अगर लॉकडाउन लग गया तो फिर इस साल शादी नहीं हो पाएगी. यह सोच कर दोनों ने जनवरी में ही शादी करने का मन बना लिया. ऐसे में बीती रात विकास पूजा के घर पहुंच गया और उसे लेकर फरार हो गया. इधर, पूजा के घर वालों ने जब उसे घर में नहीं देखा तो उसकी खोजबीन करने लगे. इस बीच जब फोन से जानकारी मिली कि पूजा विकास के साथ चली गई है, तो घर वालों ने तिलंगही मुखिया से संपर्क किया.
ऐसे में मुखिया पति रेयाज ने लड़का-लड़की को बुलाया और परिजनों से बात की. जब दोनों परिवार की सहमति बनी तो उन्होंने अपने घर में पंडित को बुलवाया और विवाह की रस्म सम्पन्न करा दी. बिना किसी तैयारी के विकास और पूजा ने सात फेरे लिए और खुशी-खुशी घर चले गए. इधर, पूरे क्षेत्र में इस अनोखी शादी की चर्चा हो रही है.
यह भी पढ़ें -