बक्सर: बिहार के 16 जिले बाढ़ की चपेट में हैं. राज्य में 80 लाख से अधिक लोग बाढ़ पीड़ित हैं. इसके बावजूद अधिकारियों की नींद नहीं खुल रही है. दरअसल, जिले में संभावित बाढ़ को लेकर बाढ़ पूर्व से तैयारी की गई थी, लेकिन थोड़ी सी बारिश ने ही अधिकारियों के लापरवाही की पोल खोल दी. बाढ़ आने से पहले ही गंगा नदी के किनारे बांध पर बनाए गए स्पर से बालू भरी बोरियां बह गई, जिससे इस इलाके पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है.
बता दें कि जिले के कई प्रखंड जैसे चौसा, बक्सर, सिमरी, चक्की और ब्रह्मपुर प्रखंड को बाढ़ से बचाने के लिए 10 एजेंसी के माध्यम से काम करवा कर बाढ़ से निपटने की सारी तैयारी पूरी करने का दावा किया गया था. लेकिन अनियमितता के कारण ये सारे दावे फेल हो गए. मानक के अनुरूप काम नहीं हुआ है. बोरियों में बालू की जगह मिट्टी भरकर रखा गया है, जो खतरे की घंटी बजा रहा है. हल्की सी बारिश में बोरियो के अंदर रखी गई मिट्टी पूरी तरह से गल कर बह गई है, ऐसे में लोगों को बाढ़ का डर सता रहा है.
इस संबंध में स्थानीय लोगों ने बताया कि जब 2 महीने पहले बाढ़ नियंत्रण विभाग की ओर से काम कराया जा रहा था, उस समय ही ग्रामीणों ने बोरियों में मिट्टी भरने का विरोध किया था. ग्रामीणों का आरोप है कि उस वक्त बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारी, ठेकेदार जेल भेज देने की धमकी देकर गांव वालों को चुप करा दिया था.
वहीं, इस संबंध में जब जिलाधिकारी से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि संबंधित अधिकारियों को सूचना दे दी गई है. बांध का निरीक्षण कर क्षतिग्रस्त बांध को दुरुस्त करने का आदेश दिया गया है और बालू की जगह मिट्टी मिलने पर संबंधित ठेकेदार, इंजीनियर और अन्य पर कार्रवाई की जाएगी.