पटना: 2020 और 2021 में कोरोना महामारी को लेकर दुर्गा पूजा में उत्साह नहीं दिख रहा था लेकिन इस बार स्थिति सामान्य होने पर उत्साह से दुर्गा पूजा मनाया जा रहा है. अलग-अलग तरह के पंडाल और मूर्तियों के साथ-साथ आधुनिक सजावट की व्यवस्था की गई है. पटना के मीठापुर में प्राचीन देवी मंदिर दुर्गा पूजा समिति की ओर से इस बार कोलकाता के दक्षिणेश्वर काली मंदिर के तर्ज पर भव्य पंडाल का निर्माण किया जा रहा है. वहीं यारपुर में अयोध्या के राम मंदिर के तर्ज पर पंडाल बन रहा है.
पूजा समिति के सदस्य राकेश पांडेय ने बताया कि यहां 1884 में दुर्गा पूजा की स्थापना की गई थी. दो साल कोरोना के कारण भव्य पूजा रुक गई थी लेकिन इस बार कुछ अलग करने के लिए दक्षिणेश्वर काली मंदिर के तर्ज पर पंडाल का निर्माण किया जा रहा है. पूरे पंडाल की लागत लगभग चार लाख रुपये है. पंडाल की ऊंचाई 60 फीट होगी और चौड़ाई 50 फीट. पंडाल के निर्माण के लिए कारीगर झारखंड के मधुपुर से बुलाए गए हैं.
मूर्ति की सजावट के साथ आकर्षक होगी झांकी
पंडाल से ज्यादा मूर्ति की सजावट और झांकी काफी आकर्षक होगी. राकेश पांडेय ने बताया कि यहां पश्चिम बंगाल के कारीगर मूर्ति का निर्माण कर रहे हैं. मूर्ति की ऊंचाई 18 फीट होगी, लेकिन खास बात है कि सभी मूर्तियों की सजावट नीले रंग से होगी. उन्होंने बताया कि कोरोना के समय प्रदूषण नहीं हो रहा था और आसमान साफ नीला दिख रहा था इसलिए नीला कलर दिखाया जाएगा कि लोग नीले रंग का मतलब समझ सकें और पटना को प्रदूषण मुक्त रखें.
पंडाल और मूर्ति के अलावा यहां आकर्षक और समाज को सीख देने वाली झांकी भी बन रही है. झांकी कोरोना और वातावरण से जुड़ा होगा. वहीं दूसरी ओर यारपुर दुर्गा पूजा समिति देवी स्थान में अयोध्या के राम मंदिर के तर्ज पर पंडाल का निर्माण किया जा रहा है. यहां स्थानीय कारीगर पंडाल का निर्माण कर रहे हैं.
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