Durga Puja 2022: बिहार में एक ऐसा मंदिर जहां नवरात्र में सजी है भूतों की महफिल, नेपाल से भी पहुंचे हैं श्रद्धालु
Gopalganj Lachwar Dham Mandir: शारदीय नवरात्रि के मौके पर लक्षवार धाम में दूर-दराज से हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ जुट रही है. शारदीय नवरात्र पर यहां गजब का नजारा दिखता है.
गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज में एक ऐसा मंदिर जहां भूत-प्रेत से पीछा छुड़ाने के लिए महफिल लगती है. यह मंदिर जिला मुख्यालय से 12 किलोमीटर उत्तर दिशा की ओर लक्षवार गांव में स्थित है. शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri) के मौके पर लक्षवार धाम (Lachwar Dham Mandir) में दूर-दराज से हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ जुट रही है. कहा जाता है कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं पर मां की असीम कृपा प्राप्त होने के साथ ही उनके दुख व रोग भी नष्ट हो जाते हैं.
यही कारण है कि ऐतिहासिक लक्षवार धाम को प्रेत बाधा से मुक्ति का धाम भी कहा जाता है. लक्षवार धाम में नवरात्र के मौके पर यूपी से लेकर बंगाल और नेपाल से लोग माता की दर्शन करने पहुंचते हैं. एक माह तक यहां श्रद्धालुओं की ऐसी ही भीड़ रहती है. यहां असहाय पीड़ा से मुक्ति पाने के बाद ही लोग अपने घरों को वापस लौटते हैं.
आज भी समाज में अंधविश्वास जारी
शारदीय नवरात्र पर यहां गजब का नजारा देखने को मिलता है. कही औरतें जोर-जोर से सिर हिलाती दिख जाएंगी तो कहीं महिला जमीन पर लेटकर प्रेत-आत्माओं से मुक्ति पाने के लिए प्रयास करती नजर आती हैं. वर्षों से यहां चली आ रही भूतों से पीछा छुड़ाने के लिए अंधविश्वास का यह खेल आज के समाज में भी जारी है.
क्या कहते हैं मनोरोग चिकित्सक
मनोरोग चिकित्सक डॉ. एसके प्रसाद का मानना है कि भूत-प्रेत जैसे अंधविश्वास के पीछे एक गहरी सामाजिक धारणा होती है जो लोगों के मन की गहराई में समाई होती है. कुछ लोग इसका गलत फायदा उठाने लगते हैं. यही कारण है कि वर्षों से यहां चली आ रही भूतों से पीछा छुड़ाने की अंधविश्वास का यह खेल आज के समाज में भी जारी है.
यह भी पढ़ें- Watch: बिहार के 8 साल का 'गणितज्ञ', तीसरे क्लास का बॉबी दसवीं तक को पढ़ाता है, लोग कह रहे- वाह! छोटे 'खान सर'