पटना: हिंदुओं का प्रमुख त्योहार दशहरा को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखा जा रहा है. दशहरा पर्व को खूबसूरत बनाने के लिए पटना में एक से बढ़कर एक पूजा पंडाल बनाए जा रहे हैं. इस बार इतवारपुर दुर्गा पूजा समिति की ओर से गुजरात के द्वारकाधीश मंदिर के तर्ज पर पंडाल बनाया जा रहा है जिसकी ऊंचाई लगभग 100 फीट होगी. इस पंडाल को बनाने में पिछले 20 दिनों से कारीगर जुटे हैं. 19 अक्टूबर तक पंडाल के बनकर तैयार हो जाने की उम्मीद है.


पूजा समिति के आयोजक मुनील यादव ने बताया कि इस बार यहां मां दुर्गा की मूर्ति भी काफी खास रहेगी. माता की मूर्ति यहां 16 फीट की बनाई जा रही है. मोतियों से सजावट होगी. इसके लिए बंगाल के कारीगर बुलाए गए हैं. वहीं मूर्ति को बनाने के लिए पटना और मधुपुर के कारीगर मिलकर काम कर रहे हैं. पंडाल पर 18 से 20 लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं तो वहीं मूर्ति की लागत करीब साढ़े तीन लाख रुपये आने वाली है.


पिछले साल बनाया गया था मदुरई का मीनाक्षी मंदिर


मुनील यादव ने बताया कि इतवारपुर पूजा समिति की ओर से हर साल नए-नए तरह का पूजा पंडाल बनाया जाता है. पिछली बार मदुरई का मीनाक्षी मंदिर बनाया गया था. इस बार गुजरात के द्वारकाधीश मंदिर के तर्ज पर भव्य पंडाल बनाया जा रहा है जो काफी आकर्षक होगा. इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां पूर्ण रूप से द्वारकाधीश भगवान कृष्णा की इतिहास से जुड़ा रहेगा. 


पंडाल के आसपास ऊपर-नीचे सभी जगह महाभारत में भगवान कृष्ण की भूमिका को दर्शाया जाएगा जिसे कारीगर थर्मोकोल से उस आकृति को बनाएंगे. इस पंडाल में भगवान कृष्ण की बड़ी मूर्ति भी लगाई जा रही है. कुल मिलाकर भगवान कृष्ण से जुड़े दृश्य को इस पंडाल के जरिए से दिखाया जाएगा.


पंडाल को लाइटिंग से सजाया गया


पूजा समिति के आयोजक ने कहा कि पंडाल और मूर्ति के साथ-साथ यहां लाइटिंग की भी विशेष व्यवस्था की गई है. पटना और कोलकाता दोनों जगह के कारीगर संयुक्त रूप से लाइटिंग का काम कर रहे हैं जो काफी आकर्षक होगा. उन्होंने कहा कि पंडाल, लाइटिंग और मूर्ति को मिलाकर लगभग 30 लाख रुपये के आसपास खर्च होने के अनुमान हैं. इसके अलावा सप्तमी से लेकर नवमी तक हर समय प्रसाद वितरण एवं नवमी के दिन महा प्रसाद का वितरण किया जाएगा.


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