पूर्वी चंपारण: बाढ़ ने बढ़ाई परेशानी, कहीं देखते-देखते नदी में समाया मकान, कहीं तेज धार में बहे बाइक सवार
स्टेशन अधीक्षक दिलीप कुमार ने बताया कि स्टेशन के सभी ट्रैक पर बाढ़ का पानी चढ़ गया है. सुगौली-मझौलिया के बीच पुल संख्या 248 के ऊपरी गार्डर को बाढ़ का पानी छूने लगा है, जिससे परिचालन में खतरा हो सकता है.
मोतिहारी: मॉनसून की शुरुआत में ही अत्यधिक वर्षा होने की वजह से उत्तर बिहार के कई जिलों में इस बार समय से पहले ही बाढ़ आ गई है. बिहार का पूर्वी चंपारण जिला हर साल की तरह इस साल भी बाढ़ की विभीषिका झेल रहा है. जिले में समय से पहले आए बाढ़ ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. कटाव की वजह से लोगों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, पानी की तेज धार की वजह से आवागमन करने वाले लोगों पर भी जान का खतरा बना हुआ है.
बाइक समेत पानी में बहे दो लोग
ताजा मामला जिले के छौरादानो पथ का है, जहां कुआरीदेवी चौक के नजदीक क्षतिग्रस्त पुल का डायवर्सन पार करने के दौरान दो लोग बाइक सहित पानी में बह गए. इस हादसे में बाइक तो पानी में डूब गई. लेकिन दोनों बाइक सवार को स्थानीय लोगों की मदद से बचा लिया गया. बता दें कि 2017 में ही बाढ़ के दौरान कुआरीदेवी चौक के पास पुल क्षतिग्रस्त हो गया था. तब से आज तक पुल की मरम्मत नहीं कराई गई है, जिस वजह से अक्सर हादसे होते रहते हैं.
देखते-देखते नदी में समाया मकान
दूसरा मामला, जिले के सुगौली प्रखंड के है, जहां सिकरहना नदी में आए उफ़ान की वजह से कटाव जोरों पर है. कटाव की वजह से अब तक कई घर जल में समा गए हैं. ताजा मामला प्रखंड क्षेत्र के भवानीपुर पंचायत के उत्तरी छपरा बहास का है, जहां देखते-देखते पक्के का मकान कटाव की वजह से पानी में समा गया. स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर नदी के किनारे तटबंध मजबूत होता तो ये दिन देखना नहीं पड़ता.
रेल परिचालन बाधित
इधर, जिले के सुगौली स्टेशन के रेलवे ट्रैक पर बाढ़ का पानी चढ़ गया है, जिस वजह से सोमवार की दोपहर दो बजे से रेल गाड़ियों का आवागमन बंद कर दिया गया है. स्टेशन अधीक्षक दिलीप कुमार ने बताया कि स्टेशन के सभी ट्रैक पर बाढ़ का पानी चढ़ गया है. साथ ही सुगौली-मझौलिया के बीच पुल संख्या 248 के ऊपरी गार्डर को बाढ़ का पानी छूने लगा है, जिससे रेल परिचालन में खतरा हो सकता है. ऐसे में विभागीय आदेश के आलोक में अगले आदेश तक सभी गाड़ियों का परिचालन बंद कर दिया गया है. बता दें कि बाढ़ का पानी स्टेशन के गेट, रेलवे स्टाफ क्वार्टर सहित अन्य क्षेत्रों में प्रवेश कर गया है. जिस कारण रेल कर्मियों ने भी ऊंची जगहों पर शरण ले लिया है.
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