Bihar News: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आईएएस अधिकारी संजीव हंस (IAS Sanjeev Hans) और उनसे जुड़े करीबी लोगों की सात अचल संपत्तियों को जब्त किया है. सोमवार (16 दिसंबर) को इसकी जानकारी दी गई. ईडी के अनुसार 23.72 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई है. बिहार ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव रहे संजीव हंस के खिलाफ धनशोधन का मामला बिहार पुलिस की विशेष सतर्कता इकाई की प्राथमिकी से जुड़ा है.


ईडी की ओर से कहा गया है कि धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत नागपुर (महाराष्ट्र) में तीन भूखंड, दिल्ली में एक फ्लैट और जयपुर (राजस्थान) में तीन फ्लैट कुर्क करने के लिए एक अंतरिम आदेश जारी किया गया, जिन्हें संजीव हंस के करीबी सहयोगियों के नाम पर उनके (हंस) द्वारा आपराधिक गतिविधियों से अर्जित आय का उपयोग करके हासिल किया गया था. जब्त की गई कुल 23.72 करोड़ रुपये की संपत्ति प्रवीण चौधरी और पुष्पराज बजाज सहित अन्य की है.


पीएमएलए कोर्ट में ईडी ने दाखिल किया आरोप पत्र


यह कार्रवाई पीएमएलए एक्ट 2002 के प्रावधानों के तहत की गई है. सोमवार को ईडी ने पटना के पीएमएलए कोर्ट में संजीव हंस, पूर्व विधायक गुलाब यादव, पुष्पराज, सदाब और तीन कंपनियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया. साथ ही अभियुक्तों से पूछताछ, जब्त दस्तावेज और गवाहों के बयान भी सौंपे गए हैं. अब कोर्ट की ओर से सुनवाई की तिथि तय होगी और आरोपितों को समन भेजा जाएगा.






बता दें कि ईडी ने संजीव हंस को पटना से जबकि पूर्व विधायक गुलाब यादव को दिल्ली से गिरफ्तार किया था. इस पूरे मामले में आईएएस अधिकारी संजीव हंस की पत्नी से भी पूछताछ की जा चुकी है. इसके पहले ईडी की टीम ने गुड़गांव और दिल्ली समेत संजीव हंस एवं अन्य के लगभग 13 ठिकानों पर छापेमारी की थी. लगातार धनशोधन के मामले में कार्रवाई और जांच जारी है.


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