Arrah News: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के परिवार के बेहद करीबी पूर्व आरजेडी विधायक अरुण यादव के खिलाफ ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है. ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में करीब 22 करोड़ की प्रॉपर्टी को अटैच किया है. हालांकि आज की तारीख में इस प्रॉपर्टी का बाजार मूल्य 22 करोड़ से कई गुना ज्यादा है. अवैध खनन जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ये कार्रवाई हुई है.


ईडी ने बुधवार को प्रेस रिलीज जारी कर बताया है कि आरजेडी के पूर्व विधायक अरुण यादव, उनकी पत्नी किरण देवी और उनके दोनों बेटे राजेश कुमार, दीपू सिंह के साथ साथ मेसर्स किरण दुर्गा कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड (परिवार के स्वामित्व वाली कंपनी) सहित अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पीएमएलए, 2002 के तहत 46 अचल संपत्तियों को अंतिम रूप से कुर्क किया है, जिनकी कीमत लगभग 19.32 करोड़ रुपये है. बैंक खातों में 2.05 करोड़ रुपये की उपलब्ध शेष राशि कुल मिलाकर 21.38 करोड़ रुपये (लगभग) है. अचल संपत्तियां भोजपुर जिले के अगियांव गांव और पटना के पॉश इलाकों में स्थित है.


बिहार पुलिस ने दर्ज की थी प्राथमिकी


बिहार पुलिस ने अरुण यादव और अन्य के खिलाफ आईपीसी, 1860 और आर्म्स एक्ट, 1959 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज चार एफआईआर दर्ज की थी. ईडी ने इस मामले में जांच शुरू की है. आरोप है कि अरुण यादव जघन्य अपराधों और अवैध रेत खनन में भी शामिल रहे हैं. ईडी की जांच में पता चला है कि 2014-15 से 2022-23 की अवधि के दौरान, अरुण यादव और उनके परिवार के सदस्यों ने नकदी के माध्यम से 40 पार्सल कृषि भूमि (लगभग 3.04 करोड़ रुपये) हासिल की है. उन्होंने दानापुर में 4 फ्लैट (लगभग 2.56 करोड़ रुपये) और पाटलिपुत्र कॉलोनी, पटना, बिहार में एक वाणिज्यिक भूमि (3.44 करोड़ रुपये) भी हासिल की है, उन्हें हासिल करने के लिए पर्याप्त नकदी का उपयोग किया गया है.


अरुण यादव ने बनवाया है महलनुमा आवास 


अरुण यादव ने अपने गांव अगियांव में विशाल महलनुमा आवास भी बनवाया है, जिसकी कीमत लगभग11.03 करोड़ रुपये है. ईडी की जांच में यह भी पता चला है कि अरुण यादव बिहार के औरंगाबाद और रोहतास जिलों में अवैध बालू खनन में एक सिंडिकेट सदस्य रहे हैं. ईडी की जांच में आगे पता चला है कि जांच की अवधि के दौरान, अरुण यादव और परिवार के सदस्यों के बैंक खातों में लगभग 8.18 करोड़ रुपये और संबद्ध इकाई मेसर्स किरण दुर्गा कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के खाते में लगभग 11.80 करोड़ रुपये बिना किसी आधार और वैध औचित्य के भारी मात्रा में नकदी जमा की गई थी. इस तरह अरुण यादव ने अपने परिवार के सदस्यों और कंपनी के नाम पर 39.31 करोड़ रुपये (लगभग) की भारी संपत्ति अर्जित की है, जो स्पष्ट रूप से उनके आय के वैध स्रोत से अधिक है.


ईडी कर रही है जांच


अरुण यादव और उनकी पत्नी किरण देवी 2015 से लेकर आज तक सार्वजनिक पद पर हैं. ईडी की जांच से पता चला है कि अरुण यादव ने आपराधिक गतिविधियों में शामिल होकर और अपने पद का दुरुपयोग करके भारी मात्रा में अपराध से आय अर्जित की है. उन्होंने बैंकिंग प्रणाली और मेसर्स किरण दुर्गा कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड का दुरुपयोग करके परत-दर-परत और सफेद किया और इसे बेदाग दिखाया है. हालांकि ईडी की जांच अभी चल रही है.


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