Bihar Politics: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार (19 जनवरी) को आरजेडी चीफ लालू यादव को समन जारी किया है. ईडी ने धन शोधन जांच में लालू यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव को इस महीने के अंत में पटना कार्यालय में उपस्थित होने के लिए फिर समन जारी किया है. एक अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी. ईडी की टीम पूर्व सीएम राबड़ी देवी के आवास पर पहुंची थी. लालू यादव पर केंद्रीय जांच एजेंसियों ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. शुक्रवार को एक बड़े घटनाक्रम में प्रवर्त्तन निदेशालय ने लालू परिवार को नोटिस दिया है. उन्होंने पीले लिफाफे में एक नोटिस रिसीव कराया.


तेजस्वी यादव बिहार सरकार में डिप्टी सीएम हैं. लालू यादव को 29 जनवरी को पेश होने के लिए कहा गया है, वहीं तेजस्वी यादव को 30 जनवरी को बुलाया गया है. लालू यादव और तेजस्वी यादव को पटना के बैंक रोड स्थित ईडी कार्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा गया है. दोनों इस मामले में जारी किए गए पूर्व  समन पर पेश नहीं हुए थे. कथित घोटाला उस समय का है, जब प्रसाद संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की पहली सरकार में रेल मंत्री थे.


इससे पहले ईडी ने नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में पूछताछ के लिए तेजस्वी यादव और लालू यादव को तलब किया था. ईडी ने नौकरी के बदले जमीन घोटाले से संबंधित सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि लालू यादव ने 2004-2009 की अवधि के दौरान भारतीय रेलवे में ग्रुप डी के पदों पर नियुक्ति के लिए भ्रष्टाचार किया था. एफआईआर के मुताबिक, गरीब अभ्यर्थियों को भारतीय रेलवे में नौकरी के बदले में रिश्वत के तौर पर जमीन हस्तांतरित करने को कहा गया था. 


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सीबीआई ने आरोप पत्र भी दाखिल कर दिया है. मेसर्स एके इन्फोसिस्टम्स प्रा. लिमिटेड आरोपियों में से एक है. कात्याल की गिरफ्तारी के बाद ईडी ने एक बयान में कहा था कि उसकी जांच से पता चला है कि कात्याल एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक थे. लिमिटेड जब लालू यादव की ओर से उक्त कंपनी द्वारा उम्मीदवारों की एक जमीन का अधिग्रहण किया गया था. कंपनी का पंजीकृत पता डी-1088, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, नई दिल्ली है, जो लालू यादव और उनके परिवार के सदस्यों का घर है.


कत्याल ने रेल मंत्री रहते हुए लालू प्रसाद यादव को अनुचित लाभ पहुंचाने के बदले में उक्त कंपनी में कई अन्य जमीनें भी हासिल की थीं. ईडी ने कहा था, “जमीन हासिल करने के बाद, उक्त कंपनी के शेयर साल 2014 में लालू यादव के परिवार के सदस्यों को हस्तांतरित कर दिए गए.” इससे पहले, ईडी ने इस साल 10 मार्च को तलाशी अभियान चलाया था, जिसके परिणामस्वरूप लगभग 1 करोड़ रुपये की नकदी और लगभग 1.25 करोड़ रुपये के बराबर कीमती सामान जब्त किया गया था. ईडी ने 29 जुलाई को 6.02 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को भी अस्थायी रूप से जब्त कर लिया है.