सुपौल: रामचरितमानस (Ramcharitmanas) को लेकर शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर (Education Minister Chandrashekhar) के दिए गए बयान पर इन दिनों खूब राजनीति हो रही है. इस बयान के बाद महागठबंधन सरकार बीजेपी (BJP) के निशाने पर है. इस प्रकरण पर तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) शिक्षा मंत्री को नसीहत भी दे चुके हैं. वहीं, सुपौल में मंत्री चंद्रशेखर ने एक बार फिर भगवान राम को लेकर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि भगवान राम उनके सपने में आए थे और कहा कि देखो चंद्रशेखर हमको इन लोगों ने बाजार में बेच दिया है. हमको बिकने से बचा लो. राम भी जाति व्यवस्था से कुपित थे. उन्होंने शबरी के जूठे बेर खाकर संदेश दिया, लेकिन आज शबरी के बेटा को मंदिर जाने से रोका जाता है.


शिक्षा मंत्री पहुंचे थे सुपौल


दरअसल रविवार की देर रात शिक्षा मंत्री पिपरा प्रखंड के रामपुर गांव पहुंचे थे. जहां पूर्व शिक्षक संघ के अध्यक्ष दिवंगत लक्ष्मी यादव की पुण्य तिथि के अवसर पर श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे. इस अवसर पर उन्होंने कई तरह के धार्मिक ज्ञान भी दिए. उन्होंने कहा कि भगवान राम उनके सपने में आए थे. हम इसलिए कभी कभार इस तरह की बात कर देते हैं.


भगवान भी जाति व्यवस्था से कुपित थे- शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर


शिक्षा मंत्री ने कहा कि भगवान राम ने शबरी के जूठे बेर खाए, लेकिन आज शबरी का बेटा मंदिर नहीं जा सकता है. यह दुखद है. राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री को रोक दिया जाता है. गंगाजल से धोया जाता है. ईश्वर ने शबरी का झूठा खाकर संदेश दिया था. भगवान भी जाति व्यवस्था से कुपित थे. सोचा होगा हम खा लेंगे तो दुनियां खाने लगेगी, लेकिन उसे अकेले छोड़ दिया. खाली धूप बत्ती दिखाकर उसे छोड़ दिया जाता है. उसका अनुकरण नहीं किया जाता.


मोहन भागवत को लेकर दिया बयान


आगे आरजेडी नेता ने कहा कि बाबा धर्मराज मर्यादा पुरुषोत्तम थे. जिन्होंने जाति व्यवस्था को खत्म करते हुए संदेश देकर चले गए. उन्होंने कहा कि हम तो केवल एक बार बोले लेकिन मोहन भागवत ने दो बार बोले. लोग हमारी जीभ काटने पर दस करोड़ का इनाम रख दिया, लेकिन मोहन भागवत के विरोध में दस रुपए का भी इनाम नहीं रखा. इस मौके पर उन्होंने मौजूद शिक्षकों से भी कई बातें कही. उन्होंने कहा कि उनके सम्मान को मंत्री के तरफ से कभी ठेस नहीं पहुंचेगा.


इशारों-इशारों में केके पाठक पर निशाना


शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर कटाक्ष करते हुए कहा कि हां ये अलग बात है कि कुछ सिरफिरे लोग कभी कभार आ जाएंगे. कुछ कह के चले जाएंगे. उसका ख्याल भी नहीं कीजिएगा. ऐसे लोग सरकार का संदेश भी नहीं दे पाएंगे. सरकार का संदेश मुख्यमंत्री या शिक्षा मंत्री ही देंगे. इस मौके पर पूर्व सांसद विश्वमोहन कुमार सहित जिले भर के शिक्षक संघ के शिक्षक और शिक्षाविद भी मौजूद रहे.


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