Bihar Government School: बिहार में बच्चों की पढ़ाई नहीं होगी 'ऑफट्रैक', विभाग ने लिया बड़ा फैसला, अब घर तक पहुंचेंगे शिक्षक
बिहार शिक्षा विभाग की ओर से शुक्रवार को एक पत्र जारी किया गया, जिसमें विभाग अपर मुख्य सचिव ने कहा कि कोरोना काल में बच्चों की पढ़ाई को ध्यान में रखते हुए आवश्यक निर्णय लिए गए हैं.
पटना: कोरोना वायरस (Coronavirus) की तीसरी लहर को देखते हुए बिहार सरकार ने स्कूलों को बंद रखने का आदेश जारी किया है. सरकार ने बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाने की बात कही है. प्राइवेट स्कूलों द्वारा तो सरकार के आदेश अनुसार छात्रों के ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था कर दी गई है. लेकिन सरकारी स्कूलों के छात्रों को स्कूल बंद हो जाने की वजह से परेशानी हो रही है. कई बच्चे पढ़ाई में पिछड़ रहे हैं. ऐसे में सरकार ने इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए बच्चों के लिए पूरी व्यवस्था कर दी है.
टीवी के माध्यम से करेंगे पढ़ाई
बिहार शिक्षा विभाग की ओर से शुक्रवार को एक पत्र जारी किया गया, जिसमें विभाग अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि कोरोना काल में विद्यालय बंद हैं. ऐसे में बच्चों के पठन-पाठन की निरंतरता बनाए रखने के लिए प्रचार-प्रसार और अनुवर्ती कार्रवाई सुनिश्चित किया जाना है. ऐसे में डीडी बिहार की तरफ से कक्षा 6 से लेकर 12वीं तक के बच्चों के लिए शैक्षणिक प्रसारण आरंभ किया जा रहा है. इसकी शुरुआत 17 जनवरी से होगी. मिली जानकारी अनुसार कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों के लिए सुबह 09 से 10 बजे, 9 और 10वीं के लिए 10 से 11 बजे और 11वीं और 12वीं के लिए सुबह 11 से 12 बजे तक प्रसारण किया जाएगा.
वहीं, वैसे बच्चे जिनके पास डिजिटल डिवाइस की सुविधा उपलब्ध है, वे e-LOTS (e-Library of Teachers and Students) पर उपलब्ध कक्षा 1 से 12 तक की पुस्तकें और ई-कंटेंट के माध्यम से घर पर अपनी पढ़ाई कर सकते हैं. वहीं, सभी विद्यालयों के प्रधानाध्यापक कक्षावार ऐसे विद्यार्थियों का WhatsApp ग्रुप बनाकर और यथासंभव अलग-अलग ऑनलाइन प्लेटफार्म जैसे जूम मीटिंग/ गूगल मीट/ माइक्रोस्ट टीम/ फेसबुक पेज/ यूट्यूब चैनल आदि का उपयोग कर अपने विद्यालयों के शिक्षकों के माध्यम से विद्यार्थियों को आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान करेंगे.
घर पर जाकर पढ़ाएंगे शिक्षक
वहीं, कक्षा 1 से 5 के विद्यार्थियों के साथ-साथ वैसे बच्चे, जिनके पास डिजिटल डिवाइस की सुविधा उपलब्ध नहीं है, के लिए प्रधानाध्यापक द्वारा विद्यालय के शिक्षकों के माध्यम से बच्चों को गृह आधारित शिक्षण के लिए टोला भ्रमण कर मार्गदर्शन देंगे. इस कार्य में विद्यालय प्रधान अपने क्षेत्र के शिक्षा सेवक/शिक्षा सेवक (तालीमी मरकज ) की सहभागिता और सहायता प्राप्त करेंगे.
पत्र में बताया गया कि राज्य में लगभग 250 KRP और उनके अधीन लगभग 28000 शिक्षा सेवक/शिक्षा सेवक (तालीमी मरकज) कार्य कर रहे हैं. जिला स्तर से एक या दो प्राथमिक विद्यालयों के साथ प्रत्येक शिक्षा सेवक/शिक्षा सेवक (तालीमी मरकज) को संबद्ध किया जाएगा. प्रत्येक शिक्षा सेवक/शिक्षा सेवक (तालीमी मरकज) कोविड अनुकूल व्यवहार का पालन करते हुए अपने संबद्ध विद्यालय के टोला में भ्रमण कर बच्चों को गृह आधारित शिक्षण में सहयोग करेंगे. ऐसे में निर्देश है कि राज्य के बच्चों के पठन-पाठन को जारी रखने के लिए किए जा रहे प्रयासों का अधिकाधिक प्रचार-प्रसार किया किया जाए ताकि सभी विद्यार्थी इससे लाभान्वित हो सकें.
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