पटनाः बिहार में हर दिन कोरोना के नए मामलों में तेजी से कमी आ रही है. अब ऐसे में अगर छह जुलाई के बाद स्थितियां सामान्य रहीं तो बिहार में शिक्षण संस्थान भी खोले जाएंगे. शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने स्पष्ट किया है कि यदि स्थिति में सुधार होता रहा तो सुरक्षा को ध्यान में रखकर गाइडलाइंस के साथ सरकारी और निजी स्कूल-कॉलेज खोले जा सकेंगे.
संस्थानों को खोलने के लिए तीन चरणों में तैयारी
उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के स्तर से शिक्षण संस्थानों को खोलने की तैयारी चल रही है. छह जुलाई के बाद पहले चरण में विश्वविद्यालय और कॉलेज खोले जाएंगे. दूसरे चरण में माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालय (कक्षा 9वीं से 12वीं तक) खोले जाएंगे. वहीं, तीसरे चरण में प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों (कक्षा एक से आठ तक) के बच्चों के लिए कक्षाएं शुरू की जाएंगी.
एक दिन में 50 फीसद बच्चे ही होंगे उपस्थित
बता दें कि नियमों के तहत धीरे-धीरे शिक्षण संस्थान तो खोले जाएंगे लेकिन विद्यार्थियों की उपस्थिति पर विभाग की ओर से विशेष रूप से गाइडलाइंस जारी होगी. बताया जा रहा कि एक दिन में सिर्फ 50 फीसद विद्यार्थी ही उपस्थित होंगे. वहीं बचे हुए 50 फीसद बच्चे अगले दिन आएंगे.
कोरोना संक्रमण के चलते स्कूल-कॉलेज हैं बंद
विजय कुमार चौधरी ने कहा, “हम शिक्षण संस्थानों को खोलना इसलिए भी चाह रहे हैं कि कोरोना महामारी के संक्रमण के चलते लगातार स्कूल-कॉलेज समेत अन्य शिक्षण संस्थान बंद हैं, इससे बच्चों की पढ़ाई बाधित है. विशेषकर छोटे बच्चों की पढ़ाई का सिलसिला ही टूट जाता है, जिसे फिर पटरी पर लाना कठिन हो जाता है.”
सरकारी और निजी विद्यालयों को करना होगा नियमों का पालन
शिक्षा मंत्री ने कहा, “सीखने की कमी चिंता का विषय है और सरकार छात्रों के व्यापक हितों को ध्यान में रखते हुए शैक्षणिक संस्थानों को फिर से खोलने की योजना बना रही है. माता-पिता की सहमति से ही वैकल्पिक दिनों में 50 फीसद क्षमता के साथ ऑन-कैंपस कक्षाएं संचालित की जाएंगी. निजी और सरकारी दोनों शैक्षणिक संस्थानों को छात्रों और कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए विभाग की ओर से जारी मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन करना होगा.”
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