खबर का असर: गर्भवती महिला के साथ खिलवाड़ पड़ा महंगा, सिविल सर्जन ने चार नर्सों को किया सस्पेंड
सदर थाना के चैन सिंह पट्टी की रहने वाली बबीता देवी को प्रसव पीड़ा होने पर ई-रिक्शा से सदर अस्पताल लाया गया था. लेकिन अस्पताल में मौजूद किसी भी नर्स ने अपनी चाय छोड़ कर उनपर ध्यान देना जरूरी नहीं समझा.
सुपौल: बिहार के सुपौल जिला स्थित सदर अस्पताल में शनिवार को गर्भवती के प्रति लापरवाही बरतने के मामले में सीएस ने बड़ी कार्रवाई की है. एबीपी पर प्रमुखता से खबर चलाए जाने के बाद सीएस ने कार्रवाई करते हुए उक्त समय ड्यूटी पर तैनात चार नर्सों को सस्पेंड कर दिया है. बता दें कि दो अप्रैल को गर्भवती महिला को उसके परिजन प्रसव के लिए सदर अस्पताल लेकर पहुंचे थे. लेकिन नर्स ने उन्हें अटेंड नहीं किया.
लापरवाही बरतने के आरोप में कार्रवाई
ऐसे में महिला ने ई-रिक्शा पर ही बच्चे को जन्म दे दिया. इस खबर के एबीपी पर चलने के बाद सीएस ने कार्रवाई की है. सदर अस्पताल की चार नर्सों को घोर लापरवाही बरतने के कारण सस्पेंड किया गया है. बता दें कि अस्पताल के बाहर प्रसव पीड़ा से कराहती महिला को छोड़कर उक्त सभी नर्स केबिन में बैठकर आराम से चाय पी रही थीं.
मुख्यायल ने तय की निलंबन अवधि
बता दें कि जिन नर्सों को सस्पेंड किया गया है, उनमें मीना कुमारी, बबीता कुमारी, रूपम कुमारी और श्यामलता शामिल हैं. इन नर्सों की निलंबन अवधि भी मुख्यालय ने तय कर दी है. बता दें कि मीना कुमारी को रेफरल अस्पताल राधोपुर, बबीता कुमारी को अनुमंडलीय अस्पताल निर्मली, रूपम कुमारी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बलवा बाजार छातापुर और श्यामलता को ललित नारायण अस्पताल वीरपुर के लिए निर्धारित किया गया है.
मालूम हो कि सदर थाना के चैन सिंह पट्टी की रहने वाली बबीता देवी को प्रसव पीड़ा होने पर ई-रिक्शा से सदर अस्पताल लाया गया था. लेकिन अस्पताल में मौजूद किसी भी नर्स ने अपनी चाय छोड़ कर उनपर ध्यान देना जरूरी नहीं समझा. ऐसे में काफी देर दर्द में कराहने के बाद महिला ने ई-रिक्शा में ही बच्चे को जन्म दे दिया था.
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