Bihar News: अभी चंद दिन बीते हैं जब बिहार में ग्राम पंचायत चुनाव खत्म हुए हैं, जिसके तहत बिहार के प्रत्येक पंचायत के लिए अलग-अलग मुखिया चुने गए हैं. देश की सबसे छोटी इकाई ग्राम होती है और गॉंव में भी लोगों की व्यवस्था और देखरेख के लिए मुखिया का चुनाव किया जाता है. वैसे तो ग्राम पंचायत का चयन गांव के लोगों के द्वारा ही किया जाता है, लेकिन क्या आपको पता है कि चुने हुए पंचायत मुखिया को भी उसके पद से हटाया जा सकता है. आइये आपको बताते हैं इसके लिए क्या नियम और शर्ते हैं-


  ये हैं पंचायत मुखिया को हटाने की कुछ नियम और शर्ते 



  • ग्राम पंचायत के मतदाताओं की विशेष तौर से बुलाई गई बैठक में साधारण बहुमत अर्थात कुल मतदाताओं का 50% से ज्यादा होना चाहिए.

  • विशेष बैठक के लिए ग्राम पंचायत के कुल मतदाताओं का न्यूनतम पांचवां भाग यानी 20% मतदाता एक आवेदन में हस्ताक्षर करके जिला पंचायत राज अधिकारी से अनुरोध करेंगे.

  • जिला पंचायत राज पदाधिकारी की तरफ से नोटिस जारी होने की तारीख के 15 दिन के अंदर विशेष बैठक बुलाई जाएगी.

  •  इस बैठक की अध्यक्षता जिला पंचायत राज अधिकारी द्वारा की जाएगी, अविश्वास प्रस्ताव मुखिया के निर्वाचित होने के प्रथम 2 वर्ष और ग्राम पंचायत के कार्यालय के अंतिम 6 महीनों के शेष के दौरान नहीं लाया जा सकता है.

  •  नियमों के मुताबिक मुखिया का विश्वास प्रस्ताव भी पारित नहीं होता है तो अगले 1 वर्ष के ठीक समय के भीतर अगला अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है.


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