(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
यूपी, बिहार, महाराष्ट्र और हरियाणा में विधानसभा उपचुनाव का प्रचार थमा, इन मुख्यमंत्रियों की प्रतिष्ठा लगी है दांव पर
State Politics: बिहार में मोकामा व गोपालगंज विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है. नीतीश कुमार के इस साल अगस्त में बीजेपी से अलग होने और राष्ट्रीय जनता दल से गठबंधन के बाद यह राज्य में पहला चुनाव है.
छह राज्यों की सात विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव का प्रचार अभियान मंगलवार शाम खत्म हो गया. इन सीटों पर तीन नवंबर को मतदान होगा. मतगणना सात नंबवर को कराई जाएगी. इन सीटों के परिणाम ज्यादातर राजनीतिक दलों के लिए प्रतीकात्मक महत्व रखते हैं. ये उपचुनाव बिहार के मोकामा और गोपालगंज, हरियाणा के आदमपुर, उत्तर प्रदेश के गोला गोकर्णनाथ और महाराष्ट्र के अंधेरी (पूर्व) में कराया जा रहा है.
अंधेरी ईस्ट में बीजेपी ने हटाया लिया था उम्मीदवार
महाराष्ट्र के अंधेरी (पूर्व) में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना के धड़े द्वारा अपने दिवंगत विधायक रमेश लटके की पत्नी को निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में उतारने के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने दौड़ से हाथ खींच लिया. ऋतुजा लटके के चुनाव में आसान जीत हासिल करने की उम्मीद है. एकनाथ शिंदे के विद्रोह के बाद शिवसेना में हालिया विभाजन के बाद यह पहला चुनाव है. ठाकरे की जगह शिंदे अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री हैं.
बिहार में मोकामा और गोपालगंज उपचुनाव पहला चुनाव होगा जिसे नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जनता दल (यूनाइटेड) के इस साल अगस्त में बीजेपी से संबंध तोड़ने और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से हाथ मिलाने के बाद लड़ा जाएगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मोकामा के मतदाताओं से राजद उम्मीदवार और अपने पूर्व नेता अनंत कुमार सिंह की पत्नी नीलम देवी का समर्थन करने का अनुरोध किया. विधायक के रूप में सिंह को अयोग्य ठहराए जाने के कारण यहां उपचुनाव की आवश्यकता हुई. चोट लगने के कारण कुमार चुनाव प्रचार से दूर रहे और उन्होंने वीडियो संदेश के माध्यम से लोगों से समर्थन की अपील की. उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने हालांकि चुनाव प्रचार का मोर्चा संभाला और कई रैलियां कीं.
मोकाम में क्यों हो रहा है चुनाव
अनंत कुमार सिंह को उनके घर से हथियार और विस्फोटक बरामद होने के मामले में इस साल की शुरुआत में दोषी ठहराए जाने के बाद अयोग्य ठहराया गया था. बीजेपी ने इस सीट से नवोदित नेता सोनम देवी को चुनाव मैदान में उतारा है जो स्थानीय बाहुबली एवं अनंत सिंह के विरोधी ललन सिंह की पत्नी हैं. वहीं गोपालगंज में बीजेपी ने दिवंगत विधायक सुभाष सिंह की पत्नी कुसुम देवी को चुनाव मैदान में उतारा है. राजद ने मोहन गुप्ता को उम्मीदवार बनाया है. लालू यादव के साले साधु यादव की पत्नी इंदिरा यादव बहुजन समाज पार्टी (बसपा) उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रही हैं. बीजेपी का चुनाव प्रचार अभियान उसके नेताओं द्वारा चलाया गया और बाद में चिराग पासवान ने उसके उम्मीदवारों के समर्थन में प्रचार किया जो अब गठबंधन से अलग हो चुके हैं.
उत्तर प्रदेश की गोला गोकर्णनाथ सीट छह सितंबर को बीजेपी विधायक अरविंद गिरि के निधन के बाद खाली हुई थी. बसपा और कांग्रेस ने उपचुनाव में दूरी बना रखी है जिससे सीधा मुकाबला बीजेपी और समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच होने वाला है. बीजेपी ने अरविंद गिरि के बेटे अमन गिरि को मैदान में उतारा है, जबकि सपा के उम्मीदवार पूर्व विधायक विनय तिवारी हैं.बीजेपी सहानुभूति वोट मिलने की उम्मीद कर रही है, हालांकि उसने इस मुकाबले को हल्के में नहीं लिया है और उत्तर प्रदेश के सभी प्रमुख कैबिनेट मंत्रियों और पार्टी पदाधिकारियों सहित 40 स्टार प्रचारकों को प्रचार में लगाया. सोमवार को चुनाव प्रचार के अंतिम दिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गन्ना बकाया के भुगतान और काशी विश्वनाथ की तर्ज पर छोटी काशी गलियारे और मेडिकल कॉलेज की स्थापना का वादा किया.
हरियाणा में पारिवारिक लड़ाई
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने राज्य के हिसार जिले में आदमपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए सक्रिय रूप से प्रचार किया, जहां पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल के पोते सहित 22 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल के छोटे बेटे कुलदीप बिश्नोई के इस सीट से विधायक पद से इस्तीफा देने के कारण यहां चुनाव आवश्यक हुआ. अगस्त में बिश्नोई कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे. बिश्नोई के बेटे भव्य इस उपचुनाव में बीजेपी उम्मीदवार हैं.बीजेपी, कांग्रेस, इंडियन नेशनल लोक दल (इनेलो) और आम आदमी पार्टी (आप) इस उपचुनाव में प्रमुख पार्टियां हैं. हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने भजनलाल और देवीलाल परिवारों के बीच सियासी रंजिश को पीछे छोड़ते हुए भव्य के लिए प्रचार भी किया.जजपा नेता चौटाला चौधरी देवीलाल के प्रपौत्र हैं.
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